नये वर्ष में पटना के लोगों के सामने कोरोना वैक्सीन का एक और विकल्प रहेगा. जिन्होंने अब तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं ली है, वे यह नयी वैक्सीन ले सकते हैं. इसका नाम जजायाकोव-डी है, जिसे भारतीय फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने बनाया है. यह पूरी तरह से स्वदेशी है. इसकी खासियत है कि इसमें सुई नहीं होगी. इसे विशेष तरह के इंजेक्टर के जरिये लगाया जायेगा. ऐसे में दर्द बिल्कुल नहीं होगा.
इसे 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगाया जायेगा. इसको लेकर पटना में सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. डॉक्टरों और एएनएम की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. पटना में फिलहाल इसे 24 सेंटरों पर लगाया जायेगा, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों ही जगह के सेंटर शामिल हैं. अब केंद्र और राज्य सरकार का निर्देश मिलते ही और वैक्सीन की डोज जिले में आने के बाद इसे लगाया जा सकता है. जानकारी के अनुसार इसे जनवरी से पटना में लगाने का काम शुरू हो सकता है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
जायोकोव-डी वैक्सीन का तीन डोज लगाया जायेगा. पहला डोज लगने के 28वें दिन दूसरा और 56वें दिन तीसरा डोज लगेगा. तीनों ही डोज 24 सेंटरों पर नि:शुल्क रहेगी. जायकोव-डी दुनिया की पहली डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन है. अब तक लग रही कोविशिल्ड और कोवैक्सीन समेत सभी वैक्सीन आरएनए आधारित हैं. इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर लंबे समय तक के लिए रखा जा सकता है साथ ही 25 डिग्री सेल्सियस पर चार महीने के लिए रखा जा सकता है. इस वैक्सीन की यह भी खासियत है कि इसे नये वैरिएंट्स के लिए अपडेट किया जा सकता है.
Also Read: Corona Update: पटना में पाये गये चार कोरोना पॉजिटिव, बिहार के छह जिलों में मिले 10 नये संक्रमित
गुरु गोविंद सिंह अस्पताल पटना सिटी, होटल पाटलिपुत्र अशोक, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, पॉलिटेक्निक कॉलेज पाटलिपुत्र, गर्दनीबाग अस्पताल, गुलजारबाग यूपीएचसी, जय प्रभा यूएचसी, दानापुर एसडीएच, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, वीमेन आइटीआइ दीघा, फुलवारी शरीफ पीएचसी, दानापुर पीएचसी, एसके मेमोरियल हॉल, बख्तियारपुर पीएचसी, बाढ़ एसडीएच, बिक्रम पीएचसी, धनरूआ पीएचसी, खुसरूपुर पीएचसी, मनेर पीएचसी, मसौढ़ी पीएचसी, मोकामा आरएच, नौबतपुर पीएचसी, पालीगंज पीएचसी और पंडारक पीएचसी.