पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बड़े संघर्ष से आजादी मिली है. हमें उन लोगों को याद रखना है, जिन्होंने हमें आजादी दिलायी. उनके बारे में जानकारी नयी पीढ़ी तक पहुंचाना है. उनके प्रति सम्मान आदर प्रकट करने के लिए हम यहां आये हैं. उन्होंने यह बात गुरुवार को अधिवेशन भवन में शिक्षा दिवस पर आयोजित समारोह के उपरांत संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती पर हमेशा बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता था. कोरोना के दौर में हमें यह कार्यक्रम सीमित करना पड़ा. हालांकि उन्होंने साफ किया कि मौलाना के कृतित्व को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रयास शुरू कर दिये हैं.
उन्होंने याद दिलाया कि उनकी स्मृति में शिक्षा दिवस आयोजित करने पहल सबसे पहले शुरुआत बिहार ने ही वर्ष 2007 में की थी. उन्होंने बताया कि तब हमने केंद्र को भी पत्र लिख कर पूरे देश में शिक्षा दिवस आयोजित करने का आग्रह किया. केंद्र ने हमारे पत्र की मंशा को स्वीकार किया. वर्ष 2008 से मौलाना के जन्म दिन 11 नवंबर के दिन देश भर में शिक्षा दिवस मनाने की परिपाटी शुरू हुई.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मौलाना आजाद के कृतित्व को याद रखने की जरूरत है. उन्होंने न केवल आजादी की लड़ाई में योगदान दिया, बल्कि आजादी के समय बंटवारे के दौरान देश छोड़ रहे अल्पसंख्यकों को भारत जाने से रोका भी.
दरअसल मौलाना ने देश छोड़ कर जा रहे लोगों से अपील कि थी कि यह देश आपका है. यहां से क्यों जा रहे हैं.. इसके बाद पलायन रुका. वहीं उन्होंने देश के पहले शिक्षा मंत्री बतौर बड़े काम किये. उनके इन्हीं कार्यों के बारे में नयी पीढ़ी तक पहुंचाना है. ताकि नयी पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके.
उन्होंने कहा कि हमने उनके विचारों को बच्चों में विस्तार देने की प्रवाही पहल की. चूंकि कोरोना का दौर चल रहा है, इसलिए बहुत कुछ करना उचित नहीं था. इसलिए सीमित कार्यक्रम किया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमुई के निवासी डॉ. शंकर नाथ झा को मौलाना आजाद पुरस्कार से सम्मानित किया.
कोरोना के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कोरोना से जल्दी ही मुक्ति मिलेगी. दरअसल प्रदेश में कोरोना का इलाज अच्छा हो रहा है. प्रभावी टीकाकरण चल रहा है. इसलिए कोरोना से मुक्ति मिलने की संभावना बन रही है. सामान्य स्थिति होते ही फिर सभी तरह के आयोजन पटरी पर लौट आयेंगे.
Posted by Ashish Jha