कोरोना के कारण भागलपुर से लौट गयी फ्रांस की कंपनी, स्मार्ट मीटर योजना अधर में
कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ज्यादातर स्मार्ट मीटर सफल नहीं हो सका था.
भागलपुर : कोरोना महामारी के बीच काम छोड़ कर फ्रांस की कंपनी इलेक्ट्रिसिटी डी फ्रांस चली गयी. इस कारण भागलपुर में बिजली का स्मार्ट मीटर लगाने की योजना अधर में लटक गयी है. कार्य एजेंसी ने कहलगांव से बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया था.
कहलगांव में लगा स्मार्ट मीटर सफल नहीं : लॉकडाउन से पहले फ्रांस की कंपनी ने कहलगांव में करीब 150 घरों में स्मार्ट मीटर लगाया था. कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ज्यादातर स्मार्ट मीटर सफल नहीं हो सका था. तब यह बात हुई थी कि कनेक्टिविटी के लिए बीएसएनएल का सीम लगाया जायेगा.
शहरी उपभोक्ताओं के घरों का सर्वे पूरा : स्मार्ट मीटर लगाने के लिए शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घरों का सर्वे पूरा हो गया है. स्मार्ट मीटर कब से लगेगा यह बिजली विभाग को पता नहीं है. सर्वे कार्य लॉकडाउन से पहले ही पूरा हुआ है. अधिकारी का कहना है कि कंपनी आयेगी तो स्मार्ट मीटर लगना शुरू होगा.
स्मार्ट मीटर की कोई कमी नहीं : बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर की कोई कमी नहीं है. भागलपुर सेंट्रल स्टोर में आया मीटर एमआरटी विभाग में टेस्टिंग हो गया है और यहां से इश्यू भी हो चुका है.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की समस्या भी नहीं रहेगी. ऐसा यदि कोई करता है तो विभाग के पास एक अलर्ट मैसेज चला जायेगा और संबंधित उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. उपभोक्ता के पास बिजली का बिल भी नहीं आयेगा, क्योंकि रिचार्ज करने के चलते उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
बिजली का बिल नहीं आयेगा तो उसे भरने के लिए बिल काउंटर के चक्कर काटने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. मैनुअल मीटर रीडिंग की आवश्यकता नहीं रह जायेगी. यानी बिजली कर्मचारी को रीडिंग लेने घर पर आने की जरूरत नहीं रह जायेगी. इस तरह मैनपावर और टाइम दोनों की बचत होगी.
कर्मचारी पावर स्टेशन से ही सॉफ्टवेयर के जरिये आसानी से प्रत्येक घर की बिजली की खपत की कैलकुलेशन कर सकेंगे. लोग बिजली के तारों पर टोका फंसाकर अपने घरों में सीधे बिजली का उपयोग नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही मीटर रीडिंग के दौरान होने वाली चूक, बिल बढ़ाकर भेज देने की समस्या जैसी मुसीबत से भी छुटकारा मिल जायेगा.
Posted by Ashish Jha