अगले सत्र से बिहार के सरकारी स्कूलों में भी होगी नर्सरी की पढ़ाई, सिलेबस तैयार करने में जुटा शिक्षा विभाग
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी अब प्राइवेट स्कूलों की तरह नर्सरी कक्षाएं संचालित होंगी. तीन साल से पांच साल तक की उम्र के इन नर्सरी क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने सिलेबस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
पटना . प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी अब प्राइवेट स्कूलों की तरह नर्सरी कक्षाएं संचालित होंगी. तीन साल से पांच साल तक की उम्र के इन नर्सरी क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने सिलेबस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को खासतौर पर ट्रेंड करने पर विचार चल रहा है. इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है कि नर्सरी कक्षाओं के संचालन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चे लिये जायेंगे.
पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में सीधे नामांकन भी हो सकेगा. फिलहाल अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक में इस संदर्भ में मैपिंग करने का निर्णय लिया गया है. मैपिंग के जरिये देखा जायेगा कि कितनी आंगनबाड़ी स्कूलों में संचालित हैं? कितनी ऐसी हैं, जो निजी या घरों में चल रही हैं.
स्कूल से कितनी दूर हैं? तब जाकर उनके बच्चों को स्कूलों में अटैच करने का निर्णय लिया जायेगा. हालांकि यह कवायद किस ढंग से पूरी की जाये, इस संदर्भ में शिक्षा और समाज कल्याण विभाग को तकनीकी तौर पर निर्णय लेना है.
दरअसल आंगनबाड़ी को तकनीकी तौर पर एक साथ मर्ज करने में दिक्कत यह आ रही है कि आंगनबाड़ी केंद्र छह विशेष मकसद से संचालित हैं, जिनमें एक पढ़ाई है. शेष पांच कार्य शिक्षा से एकदम परे हैं. इसलिए स्कूलों में पूरी तरह मर्ज करने में दिक्कत आ सकती है.
4767 आंगनबाड़ी स्कूल परिसर में संचालित
फिलहाल 4767 ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जो प्राथमिक विद्यालय परिसर में ही संचालित हैं. यहां आगामी शैक्षणिक सत्र से पूर्व प्राथमिक कक्षाओं का संचालन किया जाना तय हो चुका है. इन पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के संचालन के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण एवं पाठ्यचर्या का निर्धारण एससीइआरटी, आइसीडीएस एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने संयुक्त रूप से करना शुरू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि नयी शिक्षा नीति के तहत बनायी जा रही इस कार्य योजना में मजबूती के लिए शिक्षा विभाग ने गैर सरकारी संगठनों से एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये हैं.
Posted by Ashish Jha