दिल्ली में मजदूरी करता था बिहार का छात्र, अब JNU में करेगा पढ़ाई, जानिए आदर्श का दिलचस्प सफर
बिहार के 22 वर्षीय आदर्श कुमार बिहार से दिल्ली के अपने नए सफर के लिए तैयार हो रहे हैं. वर्ष 2018 से दिल्ली में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आदर्श की कहानी बेहद दिलचस्प है. कल तक मजदूरी करने वाला अब आदर्श दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में स्नातक की पढ़ाई करेंगे.
बिहार के 22 वर्षीय आदर्श कुमार अब दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में स्नातक की पढ़ाई करेंगे. आदर्श कुमार को थोड़ी सी घबराहट और बहुत सारी खुशी है. वह अपना बैग पैक करने में लगे हुए हैं. आदर्श अब बिहार से दिल्ली के अपने नए सफर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बिहार के संकटग्रस्त मगध विश्वविद्यालय में गणित के स्नातक छात्र के रूप में लगभग पांच साल पहले अध्ययन किया था. आदर्श कुमार ने अपने बाकी सहपाठियों की तरह हाल-फिलहाल में हाई स्कूल पास नहीं किया है.
जानें सफलता की सफर
मगध विश्वविद्यालय के सैकड़ों पूर्व छात्र बिना डिग्री के आदर्श कुमार की तरह वैकल्पिक विकल्पों की तलाश में हैं. आदर्श कुमार ने गणित से लेकर जापानी अध्ययन तक काफी अलग-अलग विषय लिए हैं. आदर्श कुमार आशावादी हैं. जानकारी के अनुसार, आदर्श कुमार 2018 से दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया है. लेकिन अब वह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय का छात्र बन जाएगा. आदर्श कुमार उन लाखों लोगों में शामिल थे, जो इस साल अगस्त में सीयूईटी के लिए उपस्थित हुए और जेएनयू में स्नातक की डिग्री के लिए प्रवेश पाने में सफल रहे.
आदर्श कुमार ने 2018 में मगध विश्वविद्यालय में लिया था दाखिला
आदर्श कुमार ने 2018 में गणित में बीएससी के लिए मगध विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. इसके बाद जनवरी 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षा दी. दूसरे वर्ष की परीक्षा अक्टूबर 2021 में हुई. एक वर्ष से अधिक समय तक सिर्फ 2020 परीक्षा के परिणाम घोषित किया गया है. एक राज्य विश्वविद्यालय के रोल पर चार साल बिताने के बाद आदर्श कुमार जैसे सैकड़ों छात्रों के पास अभी भी स्नातक की डिग्री नहीं है. आदर्श कुमार ने मीडिया को बताया कि तीन बार भारतीय वायु सेना की परीक्षा और एक बार अग्निवीर भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था. ‘मैंने हमेशा लिखित भाग को पास कर लिया. लेकिन] अंग्रेजी पर मेरी खराब पकड़ के कारण साक्षात्कार और समूह चर्चा में असफल रहा. स्नातक की डिग्री नहीं होना मेरे चयन में एक और महत्वपूर्ण बाधा थी.