अंकित आनंद, भागलपुर: विगत 19 अप्रैल 2018 को भागलपुर के बड़ी पोस्ट ऑफिस के सामने मार्बल व्यवसायी अमरजीत उर्फ बिट्टू राय की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. हत्याकांड के बाद भागलपुर पुलिस ने मामले में राणा मियां को फरार दिखाते हुए फाइनल चार्जशीट दाखिल कर दी थी. जिसके बाद मामले में चार्जशीटेड आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.
इसी कड़ी में बिहार पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग की फॉरेंसिक टीम की ओर से एक चौंकाने वाला रिपोर्ट सामने आया है. चार साल बाद पटना स्थित एफएसएल के एक्सपर्टों के द्वारा अमरजीत के मोबाइल के मिरर इमेज को लेकर मांगी गयी रिपोर्ट के जवाब में हैरत करने वाला जवाब दिया है. चार साल बाद एफएसएल पटना ने भागलपुर के लोक अभियोजक से संपर्क कर यह कहा है कि चार सालों तक प्रयास करने के बाद ही अमरजीत के मोबाइल का लॉक नहीं खुल सका है. इसके लिये उन्हें पैटर्न लॉक व मोबाइल में लगे पासवर्ड की जरूरत है. एफएसएल की इस टिप्पणी से जहां लोक अभियोजक केस में नाकारात्मक मोड़ आने की आशंका जता रहे हैं. वहीं सबसे दुरुस्त साक्ष्य के लिये जाने जानी वाली फॉरेंसिक टीम की कार्रवाई पर भी अब सवालिया निशान खड़ा हो गया है.
लोक अभियोजक (पब्लिक प्रॉजिक्यूटर) सत्य नारायण साह ने बताया कि विगत वर्ष 2018 के सितंबर माह में कोर्ट का आदेश प्राप्त कर कांड के अनुसंधानकर्ता को मृत अमरजीत के जब्त मोबाइल का मिरर इमेज तैयार करने के लिये पटना एफएसएल को भेजने के लिये निर्देशित किया गया था. जिसके बाद कांड के तत्कालीन अनुसंधानकर्ता द्वारा सितंबर 2018 में ही मोबाइल को पटना एफएसएल को मोबाइल के कॉल, टेक्सट मैसेज व व्हाट्सएप मैसेज का मिरर इमेज निकालने के लिये भेज दिया गया. पिछले कुछ माह से वे खुद इसके लिये लगातार पटना स्थित फॉरेंसिक लैब के निदेशक हिंजय कुमार से संपर्क में थे और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट सौंपने की मांग कर रहे थे.
दो दिन पूर्व जब पटना फॉरेंसिक लैब के एक्सपर्ट मतलू खान से संपर्क किया तो उन्होंने यह कहा कि चार सालों से वे उक्त मोबाइल की जांच कर रहे थे. और उनसे मोबाइल का न तो पैटर्न लॉक खुला और न ही पासवर्ड लॉक खुला. उन्होंने उल्टा परिजनों से मोबाइल के पैटर्न लॉक और पासवर्ड की जानकारी मांगी. लोक अभियोजक ने बताया कि आगामी 22 जनवरी 2022 को अमरजीत हत्याकांड की अगली सुनवाई है जिसमें अमरजीत के मोबाइल का मिरर इमेज सौंपना महत्वपूर्ण है. पर पटना एफएसएल से मिले निराशाजनक जवाब के बाद केस में अब तक किये गये मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पटना एफएसएल के इस लापरवाह जवाब से परिजनों के बीच भी निराशा बनी हुई है.
लोक अभियोजक सत्य नारायण साह ने बताया कि लॉक नहीं खुलने को लेकर उन्होंने पटना एफएसएल के एक्सपर्ट से अग्रतर बातचीत करते हुए कारण पर भी तर्क वितर्क किया. जिसमें जवाब में कहा गया कि अगर वे लोग मोबाइल का लॉक अपने स्तर पर खोलते हैं तो मोबाइल का सारा डेटा मिट जायेगा और उल्टा मोबाइल को अब हैदराबाद स्थित एफएसएल को भेजने की नसीहत दी.
लोक अभियोजक ने बताया कि अगर परिजनों को अमरजीत के मोबाइल का पैटर्न लॉक व पासवर्ड पता होता तो वे लोग मोबाइल को एफएसएल को क्यों भेजते. पुलिस लॉक खुलवाने के बाद अपने स्तर पर ही उसका मिरर इमेज तैयार कर लेती. वहीं चार साल से भी अधिक समय के लंबे इंतजार के बाद एफएसएल की इस रिपोर्ट ने निराश किया है.