रांची से ला रहा था हथियार, बिहार के अरवल में बीएसएफ का भगोड़ा जवान गिरफ्तार
बिहार एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दो हथियार तस्करों को अरवल में जहानाबाद मोड़ के पास से गिरफ्तार किया है. इनके नाम जय पुकार राय और आनंद पांडेय हैं. जय पुकार राय भोजपुर जिले के शाहपुर थाने के बहोरनपुर गांव का रहने वाला है, जबकि आनंद रोहतास जिले के सूर्यपुरा थाने क्षेत्र के दबरहिया गांव का रहने वाला है.
पटना. बिहार एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दो हथियार तस्करों को अरवल में जहानाबाद मोड़ के पास से गिरफ्तार किया है. इनके नाम जय पुकार राय और आनंद पांडेय हैं. जय पुकार राय भोजपुर जिले के शाहपुर थाने के बहोरनपुर गांव का रहने वाला है, जबकि आनंद रोहतास जिले के सूर्यपुरा थाने क्षेत्र के दबरहिया गांव का रहने वाला है.
गुरुवार की सुबह जब दोनों झारखंड नंबर की सफेद रंग की होंडा अमेज कार से रांची से आरा आ रहे थे, तो अरवल में एसटीएफ जवानों ने घेराबंदी करके इन्हें गिरफ्तार कर लिया. तलाशी के दौरान इनके पास से प्वाइंट 315 की दो राइफल, 7.65 एमएम का एक पिस्टल और विभिन्न तरह के 460 कारतूस बरामद किये गये. शुरुआती जांच में यह जानकारी मिली कि जय पुकार राय बीएसएफ का भगोड़ा जवान है, जो करीब दो साल से बिना किसी सूचना के फरार है.
वह त्रिपुरा की सीमा पर तैनात था, उसी दौरान वह अपनी ड्यूटी से अचानक गायब हो गया और भागकर बिहार आ गया. यहां आकर उसने अवैध हथियारों की तस्करी शुरू कर दी. उसने एक गैंग भी बना रखा है. इसी क्रम में वह हथियारों के जखीरे को लेकर रांची से आ रहा था और इसकी डिलिवरी आरा के किसी अपराधी को करनी थी.
यह अपराधी कौन है और जय पुकार के गैंग में अन्य कौन-कौन लोग किस-किस स्थान पर मौजूद हैं, इन तमाम सवालों के जवाब तलाशने के लिए उनसे पूछताछ चल रही है. इस बात की काफी संभावना व्यक्त की जा रही है कि आरा के जिस अपराधी को इसकी डिलिवरी करनी थी, वह बालू माफिया गैंग से जुड़ा हो सकता है. जय पुकार की निशानदेही पर बाद में इसके एक अन्य साथी सुभाष प्रधान को बिहटा के पास शिव शक्ति नगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया.
घर की तलाशी के दौरान उसके पास से 12 बोर की एक बंदूक और छह कारतूस बरामद की गयी है. एसटीएफ की अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि जय पुकार राय का गैंग हथियारों की तस्करी में मुख्य रूप से शामिल है. अब तक उसने कई स्थानों और लोगों को अवैध हथियार की सप्लाइ की है.
किन-किन लोगों को कौन से हथियार इसने बेचे हैं, इसकी पूरी जानकारी ली जा रही है. हालांकि, अब तक की जांच में इसका किसी नक्सली के साथ कोई कनेक्शन नहीं निकला है और न ही नक्सलियों के साथ हथियार सप्लाइ जैसी कोई बात ही सामने आयी है. फिर भी इस पहलू पर भी जांच चल रही है.
इस धंधे में जयपुकार राय को अपनी बीएसएफ की ट्रेनिंग का काफी लाभ मिलता था. वह हथियारों की क्वालिटी और इसकी टेस्टिंग आसानी से कर लेता था. इसके बाद इसकी कीमत समेत अन्य चीजों को तय करता था. इसके बाद इसे अच्छी कीमत पर बेचता था. वह इन अवैध हथियारों को झारखंड और दूसरे राज्य से लेकर आता था. फिलहाल इससे जुड़ी तमाम बातों की विस्तार से तफ्तीश चल रही है. इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
Posted by Ashish Jha