पटना यूनिवर्सिटी में आज G-20 का हुआ बैठक, कई कार्यक्रम का हुआ आयोजन
एक दिसम्बर से भारत ने G-20 की presidency औपचारिक रूप से हासिल कर ली है, भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद देश भर मे कई भव्य कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी है. इसको लेकर देश भर मे 75 से अधिक जगहों पर 200 से अधिक बैठकें होगी.
एक दिसम्बर से भारत ने G-20 की presidency औपचारिक रूप से हासिल कर ली है, भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद देश भर मे कई भव्य कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी है. इसको लेकर देश भर मे 75 से अधिक जगहों पर 200 से अधिक बैठकें होगी. जिसके तहत पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज के प्रेमचंद भवन मे आज व्याख्यान का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में, G-20 के विशेष सचिव तथा राजदूत मुक्तेश् कुमार परदेशी ने “G-20 University connect engaging Young Mind Lecture series” के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.
विश्व में भारत की बढ़ती पहचान का असर है G-20
मुक्तेश् कुमार परदेशी ने अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए बताया की 1981-83 के बीच उन्होंने पटना कॉलेज से अपनी इन्टरमिडियेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्होंने आगे बताया कि पटना विश्वविधालय का इतिहास ही नहीं भूगोल भी गौरवांवित करने वाला रहा है, प्राचीन समय मे इसका फैलाव नेपाल तक था. उन्होंने भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलने के मायने को बताते हुए कहा कि यह विश्व में भारत की बढ़ती पहचान का ही परिणाम है कि G-20 जैसे विकसित और विकासशील देशों के समुह के प्रतिनिधित्व का अवसर हमे मिला है. भारत की गणतंत्रीय व्यवस्था में,सबसे पुराने गणतंत्र वैशाली के योगदान का ही असर है की आज दुनिया हमे उम्मीद भरी नजरो से देख रही है. उन्होंने COVID – 19 का जिक्र करते हुए कहा की भारत जो “वसुधेव कुटुम्बकम” की सोच के साथ आगे चलता है उसने वैक्सीन निर्माण मे भारत ही नहीं पूरे विश्व की चिंता को अपनी चिंता मानते हुए उसे विश्व के अन्य देशों को उपलब्ध कराया, जो भारत के G-20 की थीम “one earth, one family, one future को दर्शाती है. आगे उन्होंने कहा की G-20 का उद्देश्य विश्व को भारत की सांस्कृतिक विरासतों से रूबरू कराना भी है जो प्रतिनिधि भारत आए वो भारत के विभिन्न जगहों की संस्कृति से अवगत हो सके.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पटना विश्वविधालय के कुलपति ने इस अवसर को गौरवांवित करने वाला बताया, साथ ही उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता राजदूत मुक्तेश्वर परदेशी का स्वागत किया और उनके यहां के विद्यार्थी होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की तथा उन्होंने G-20 के उद्देश्य के सफल होने की कामना करते हुए बताया की “G20 University Connect Engaging young mind” lecture series के लिए पटना विश्वविधालय को मेजबानी मिलना अत्यंत गौरव का क्षण है. साथ ही उन्होंने G-20 की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की.
मौके पर प्रोफेसर शेफाली रॉय ने अपने भाषण में पटना विश्वविधालय को G-20 की मेजबानी मिलने पर हर्ष प्रकट करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के शब्द No first, No third world only one world को रेखांकित किया. पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो. तरुण कुमार ने अपने संबोधन में पटना विश्वविधालय के लिए इसे ऐतिहासिक क्षण क़रार दिया तथा मुख्य वक्ता के पटना कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र होने पर अपनी खुशी व्यक्त की. मौके पर इस उपलक्ष्य में हुए कार्यक्रम के विजेता के नामों की घोषणा भी की गयी, जिसे मगध महिला कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, पटना आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज के NSS यूनिट द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें पटना विश्वविधालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज ने हिस्सा लिया.
विजेताओं की सूची कुछ इस प्रकार है
भाषण प्रतियोगिता:
पृथ्वी राज – पटना लॉ कॉलेज
सूरज कुमार- पटना साइंस कॉलेज
मिस श्रेया – पटना लॉ कॉलेज
ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हांसिल किया
निबंध प्रतियोगिता
सौरभ आनंद – ट्रेनिंग कॉलेज
आकांक्षा कुमारी – पटना लॉ कॉलेज
शुभम सिंह – वुमन ट्रेनिंग कॉलेज ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल किया
क्विज प्रतियोगिता:
दिव्या कुमारी – मगध महिला कॉलेज
सईदा परवीन – ट्रेनिंग कॉलेज
मृत्युंजय कुमार दुबे – पटना लॉ कॉलेज. ये संयुक्त रूप से प्रथम रहे
तथा द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से
राकेश आनंद – पटना ट्रेनिंग कॉलेज
अनुभव विशाल – पटना साइंस कॉलेज
अतुल शाह – बी एन कॉलेज
तथा तृतीय स्थान पर
प्रीति कुमारी – मगध महिला कॉलेज
सोनू कुमार – पटना लॉ कॉलेज
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन पटना विश्वविधालय आईक्यू एसी के निदेशक प्रो वीरेंद्र कुमार ने किया. वहीं, मौके पर मंच संचालन प्रो सुहेली मेहता ने किया. इसके साथ ही मुख्य रूप से प्रति कुलपति प्रो अजय कुमार, संकायाध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार, कुलानुशासक प्रो.रजनीश कुमार, पुटा के सचिव डॉ अभय कुमार, सभी संकाय के संकायाध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्राचार्य, सभी शिक्षक, सभी कर्मचारी और विद्यार्थी मुख्य रूप से मौजूद रहे.