PHOTOS: G-20 समारोह में मेहमानों को नालंदा विश्वविद्यालय की झलक दिखाते पीएम मोदी, देखिए तस्वीरें..
भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. डिनर के पहले पीएम मोदी ने मंच पर अतिथियों का स्वागत किया. पीएम जिस जगह खड़े थे वहां पृष्ठभूमि में प्राचीन नालंदा विवि दिख रहा था.
G-20 summit india: भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. डिनर के पहले पीएम मोदी ने मंच पर अतिथियों का स्वागत किया. पीएम जिस जगह खड़े थे वहां पृष्ठभूमि में बिहार का प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय दिख रहा था.
G-20 summit india: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत जी-20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय का महत्व बताया. जिसकी तस्वीरें सामने आयी हैं.
G-20 summit india: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक व उनकी पत्नी को पीएम नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्व विद्यालय का महत्व बताया. सुनक काफी गंभीरता से इसके महत्व को सुनते दिखे.
G-20 summit india: रात्रिभोज का जहां आयोजन किया गया था उसकी पृष्ठभूमि में बिहार के नालंदा विवि के भग्नवाशेष और भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम् : एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ को दर्शाया गया. अमेरिका के राष्ट्रपति ने इसमें काफी दिलचस्पी ली और विश्वविद्यालय के बारे में पीएम मोदी से पूछा.
G-20 summit india: नालंदा विवि के भग्नावशेष यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं. यह दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक था. बाइडेन समेत अन्य मेहमान इसको देखकर इतने प्रभावित हुए कि तस्वीर को नजदीक से देखने लगे.G-20 सम्मेलन और रात्रिभोज
G-20 summit india: बता दें कि बिहार में स्थित यह विश्वविद्यालय पांचवीं सदी से 12वीं सदी के बीच अस्तित्व में था. इसकी विरासत महावीर और बुद्ध के युग से चली आ रही है, जो प्राचीन भारत की प्रगति को दर्शाती है.
G-20 summit india: दुनिया के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों की बात जब भी आती है तो नालंदा विश्वविद्यालय का नाम सबसे ऊपर आता है. बिहार की राजधानी पटना से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण उत्तर में इसके अवशेष आज भी मौजूद हैं.
G-20 summit india: इतिहासकार बताते हैं कि यह भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विश्वविख्यात केंद्र था. जहां अन्य देशों से छात्र आकर पढ़ते थे.