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गायघाट रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता गिरफ्तार, लड़कियों से गंदा काम कराने का है आरोप

शनिवार को पूछताछ के लिए महिला थाना में बुलाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें कोर्ट में उपस्थित कराया गया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वंदना गुप्ता ने अग्रिम जमानत के लिए भी कोर्ट में आवेदन दिया था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था.

पटना. गायघाट महिला रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता को पटना पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. इनके खिलाफ पांच माह पहले महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इन्हें शनिवार को पूछताछ के लिए महिला थाना में बुलाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें कोर्ट में उपस्थित कराया गया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वंदना गुप्ता ने अग्रिम जमानत के लिए भी कोर्ट में आवेदन दिया था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था.

महिला थाने में दर्ज की गयी थी नौ फरवरी को प्राथमिकी

गायघाट महिला रिमांड होम (राजकीय उत्तर रक्षा महिला सुधार गृह) में रहने वाली एक युवती के बयान के आधार पर नौ फरवरी को महिला थाने में अधीक्षिका वंदना गुप्ता व अज्ञात के खिलाफ में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. दर्जप्राथमिकी संख्या 13/2022 में आइपीसी की धारा 354 ए व 450 लगायी गयी थी. इसके बाद फिर एक और लड़की के बयान पर प्राथमिकी संख्या 17/2022 दर्ज की गयी थी. दोनों ही मामलों में युवतियों ने वंदना गुप्ता पर बाहर से रिमांड होम में लड़कों को बुलवाने और यौन शोषण करवाने का आरोप लगाया था.

मारपीट की जाती थी और गंदा भोजन दिया जाता था

दर्ज प्राथमिकी संख्या 13/2022 में युवती नेमहिला थाना पुलिस को बताया था कि उसे 2017 में एक मामले को लेकर सुधार गृह जाना पड़ा था. उस समय अधीक्षिका के रूप में संगीता कुमारी थी. 2018 में वंदना गुप्ता ने ज्वाइन किया और उसके बाद सुधार गृह का माहौल बिगड़ने लगा. इसी दौरान चार-पांच लड़कों को सुधार गृह के अंदर प्रवेश कराने के कारण वंदना गुप्ता को लड़कियों ने पीट दिया था. वे सभी लड़कियों से गलत करना चाहते थे. अपनी शिकायत में उसने यह भी कहा था कि वह चार साल तक सुधार गृह में रही और उसे कई तरह की यातनाएं भी झेलनी पड़ी. उसके साथ मारपीट की जाती थी और गंदा भोजन दिया जाता था.

विक्षिप्त लड़कियों को नशे की सूई दी जाती थी

उसने कहा कि रिमांड होम के अंदर कमजोर व विक्षिप्त लड़कियों को नशे की सूई दी जाती थी और गंदे काम कराये जाते थे. मुझे खुद वंदना गुप्ता द्वारा काम के बहानेमुजफ्फरपुर स्थित एक एनजीओ में भेजा गया. जहां गलत करने का प्रयास किया गया. युवती ने यह भी बताया था कि उसकी उम्र 18 साल हो गयी थी. इसके बावजूद रिमांड होम में छह माह से अधिक समय तक रहना पड़ा था.

फरवरी में एक युवती का वीडियो वायरल हुआ था

वहीं फरवरी में एक युवती का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें युवती ने अधीक्षिका के खिलाफ में गंदे काम कराये जाने का आरोप लगाया था. इसके कुछ दिन बाद ही रिमांड होम में रह चुकी दूसरी युवती का एक ऑडियो दो फरवरी को वायरल हुआ था. इसमें उसने सुधार गृह के अंदर गंदे काम होने के पहली युवती के दिये गयेबयान का समर्थन किया था. इन युवतियों के वायरल वीडियो व ऑडियो में लगाये गये आरोपों पर पटना हाइकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया था.

बनायी गयी थी एसआइटी

इस मामले की जांच के लिए सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था. करीब छह माह के अनुसंधान के बाद वंदना गुप्ता के खिलाफ कई अहम साक्ष्य एसआइटी को हाथ लगे और फिर गिरफ्तारी कर ली गयी.

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