तरैया : गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर से सारण तटबंध के निचले क्षेत्रों के लगभग आधा दर्जन गांव दूसरी बार जलमग्न हुआ. सारण तटबंध के निचले इलाके में स्थिति माधोपुर व चंचलिया पंचायत के सगुनी, शामपुर, जिमदाहा, आरदेवा, बनिया हसनपुर व चंचलिया गांव को गंडक नदी के बढ़ते उफान से चारों तरफ पानी से घिर गया. गंडक नदी में दूसरी बार आयी उफान ने लोगों को परेशानी में डाल दिया. सारण तटबंध के निचले इलाके में स्थित लगभग आधा दर्जन गांवों के लोग अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर निकाले में जुटे रहे. नेपाल बाल्मिकी बराज द्वारा छोड़े गये पानी से दूसरी बार लोगों को संकट में डाल दिया. बता दे कि 14 जुलाई से 28 जुलाई तक गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से सारण तटबंध के निचले इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रखा था.
वहीं 25 जुलाई को सारण-गोपालजंग तटबंध पकहा समेत अन्य जगहों पर टूटने के कारण गंडक के जलस्तर में कमी आयी तो सारण तटबंध के निचले इलाकों के बाढ़पीड़ितों ने राहत की सांस ली थी. वहीं बांध टूटते ही तरैया क्षेत्र के सारण तटबंध के पश्चिमी भाग में स्थित सैकड़ों गांवों में 27 जुलाई को बाढ़ का पानी प्रवेश करते ही दहशत में लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर भागने लगे थे. बाढ़ के पानी का तांडव लगभग एक महीना तक जारी रहा. उसके बाद पानी उतरते ही बाढ़ पीड़ित लोग अपने घरों को ठीक ठाक व व्यवस्थित कर लौट गये थे. लेकिन तरैया क्षेत्र के गंडक नदी के तटीय इलाकों व सारण तटबंध के पश्चमी भाग में स्थित लगभग सभी पंचायतों व गांवों में दूसरी बार बाढ़ का कहर जारी है. लगातार तीन दिनों की हुई बारिश के तबाही से खदरा नदी में लगभग डेढ़ फुट पानी की बढ़ोतरी हुई है.
जलजमाव से दुकानदारों की बढ़ी परेशानी : सोनपुर. बीते कुछ दिनों रुक-रुक कर हुए बारिश से सोनपुर प्रखंड के चतुरपुर पंचायत के क्षेत्र में कई जगहों पर जलजमाव से लोग परेशान हैं. पंचायत विभिन्न मुहल्ले और सड़कों पर जलजमाव पंचायत प्रशासन के जल निकासी के दावे की पोल खोलता प्रतीत होता है. हाल यह है कि हरपुरनंद जाने वाली मुख्य सड़क झील में तब्दील हो चुकी है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं. जिससे आये दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. सिताबगंज बाजार के पास हरपुरनंद गांव की ओर जाने वाली सड़क पर घुटना भर पानी जमा है. लोग हाथ में जूते चप्पल लेकर घुटने तक कपड़े उठाकर चलने को विवश हैं. रास्ते पर जलजमाव से स्थिति भयावह बनी हुई है. जलजमाव से आसपास के लोग सहित दुकानदार तक को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. जिसका हाल देख लोग चतुरपुर पंचायत को नरक पंचायत कहने लगे है. सड़क पर का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है और सड़क पर जलजमाव है.
posted by ashish jha