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गंडक का जल स्तर बढ़ा, विशंभरपुर में स्टर्ड का एक चौथाई हिस्सा नदी में धंसा

सासामुसा : रविवार की सुबह से गंडक का रुख विश्वंभरपुर में बदल गया है. जल स्तर बढ़ने के बाद कटाव लगभग थम गया है, वही एक स्टर्ड का चौथाई हिस्सा नदी में धंस गया है. पानी का दबाव बेड बार पर बना हुआ है.

सासामुसा : रविवार की सुबह से गंडक का रुख विश्वंभरपुर में बदल गया है. जल स्तर बढ़ने के बाद कटाव लगभग थम गया है, वही एक स्टर्ड का चौथाई हिस्सा नदी में धंस गया है. पानी का दबाव बेड बार पर बना हुआ है. नदी के इस बदले रुख से विभाग की बैचैनी बढ़ती नजर आ रही है, हालांकि विभाग स्टर्ड के लॉंचिंग को अच्छा संकेत बता रहा है. फिलहाल स्टर्ड के पुर्नउत्थान के लिये विभाग अपनी ताकत झोंक रहा है. गौरतलब है कि कुचायकोट प्रखंड के विश्वंभरपुर में अहिरौलीदान-विश्वंभरपुर गाइड बांध पर 28 दिनों से कटाव हो रहा है.

इस बीच नदी की धारा कटाव करते 150 मीटर की दूरी तय कर बांध के समीप पहुंच गयी है. नदी की कटावी धारा में अब तक किसानों के जमीन और आंगनबाड़ी केंद्र विलीन हो चुके हैं. इस बीच जल संसाधन विभाग पिछले 29 दिनों से गंडक की कटावी धारा से जंग लड़ रहा है. जलस्तर बढ़ने के बाद रविवार की सुबह से नदी का रुख बदल गया है. नदी अब स्टर्ड को निशाना बना रही है.

विश्वंभरपुर के आसपास विभाग की ओर से पूर्व में 35 स्टर्ड का निर्माण कराया गया था, जिसमें से रविवार को एक स्टर्ड का चौथाई हिस्सा नदी में लॉंच कर गया. स्टर्ड को रीस्टोर करने के लिये पूरे दिन विभाग मजदूर लगाकर फाइटिंग कार्य कराने में लगा रहा. रविवार को हाथीपांव डालकर जहां धारा पर अवरोध करने का काम विभाग ने कराया,. कटाव स्थल व स्टर्ड के पास बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंता महेश्वर शर्मा के नेतृतव में अजय किशोर शर्मा, विभाष कुमार गुप्ता, मो. मजीद, सुनील सिंह सहित टेक्निशियन फाइटिंग कार्य कराने में लगे हैं.

मंझरिया मिडिल स्कूल को बचाने की जंग जारी

गोपालगंज. गंडक नदी खतरे के निशान से नीचे की ओर लौट रही. पतहरा में महज 18 सेमी नीचे नदी है. वाल्मीकि नगर बराज से रविवार की शाम चार बजे 1.30 लाख क्यूसेक जल डिस्चार्ज दर्ज किया गया. जबकि तटबंधों पर काफी दबाव है. अभियंताओं की टीम स्थिति पर नजर रखने के लिए कैंप कर रहे.

सोमवार से मंझरियां मिडिल स्कूल पर हो रहे कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की टीम पिछले पांच दिनों से बंबू पायलिंग और पेड़ के डालियों को डालकर रोकने की जंग लड़ रही. स्कूल का अधिकतर भवन नदी में समा चुका है. जबकि कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह की माने तो मैटेरियल कटाव स्थल तक नहीं पहुंच पाने के कारण नदी की धारा को रोकना मुश्किल हो रहा. नदी यहां तेजी से शिफ्ट कर रही. गांव के लोगों की चिंता कम नहीं हो रही. यहां नदी का कटाव जारी है. खेतों को अपने आगोश में लेकर नदी गांव की ओर बढ़ रही.

posted by ashish jha

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