Bihar: अंबेडकर जब तक जीवित थे गांधी परिवार ने उन्हें बेइज्जत किया, BJP सांसद का कांग्रेस पर हमला
Bihar: बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर मचे विवाद पर भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया है.
Bihar: संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान को लेकर विवाद जारी है और इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी घमासान भी चल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं. इसी बीच मंगलवार को भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस खासकर नेहरू गांधी परिवार ने हमेशा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया. इसके अलावा, उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे विपक्षी दलों को भी नसीहत दी.
कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया: संजय जायसवाल
बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर मचे विवाद पर भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक बाबा साहेब जीवित थे, तब तक कांग्रेस ने उन्हें हराने और बेइज्जत करने की कोशिश की. कांग्रेस ने अंबेडकर के खिलाफ साजिश रचने के लिए उनके निजी सहायक को उनके खिलाफ खड़ा किया. कांग्रेस ने अंबेडकर को हमेशा नकारा और उनका अपमान किया, जबकि भाजपा ने बाबा साहेब के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है. भाजपा ने अंबेडकर की धरोहर को संरक्षित करने और उनके विचारों को समाज के बीच फैलाने का काम किया है.
वन नेशन वन इलेक्शन से होगी लाखों करोड़ों रुपये की बचत
वहीं, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन‘ के मुद्दे पर संजय जायसवाल ने विपक्षी दलों को समझदारी से सोचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं में बाबा साहेब अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक साहसिक चुनाव प्रणाली बनाई थी, जो करीब 20 साल तक सफलतापूर्वक लागू रही. यदि इस चुनाव प्रणाली को और बेहतर तरीके से लागू किया जाता है, तो इससे न केवल लाखों करोड़ों रुपये की बचत होगी, बल्कि चुनावों के कारण होने वाले विकास कार्यों में भी रुकावट नहीं आएगी.
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बिना सोचे-समझे किसी नतीजे पर ना पहुंचे विपक्ष
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि विरोधी दलों को बिना सोचे-समझे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए, बल्कि उन्हें पूरी स्थिति पर विचार करके निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से पूरे देश के राजनीतिक माहौल में स्थिरता आएगी और यह लोकतंत्र को मजबूत करेगा. उन्होंने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वह इस प्रस्ताव पर विचार करें और देशहित में कदम उठाएं.