Gandhi Jayanti: ट्रेन के थर्ड क्लास डब्बे में यात्रा कर भागलपुर आए थे बापू, हिंदी को लेकर रख दी थी शर्त
2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. महात्मा गांधी से जुड़ी यादें भागलपुर के पास भी है. महात्मा गांधी अपने जीवनकाल में कुल 4 बार भागलपुर आए. एक बार यहां उन्होंने अपना जन्मदिन भी मनाया. ट्रेन के थर्ड क्लास डब्बे में सवार होकर वो आए.
Gandhi Jayanti 2022: आज 2 अक्टूबर को पूरा भारत गांधी जयंती के रुप में मनाता है. आज के दिन ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था और मोहनदास करमचंद गांधी इस देश को मिले जिन्होंने आगे जाकर भारत को आजाद कराने में बड़ी भूमिका निभाई. माना जाता है कि मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा बनाने वाली धरती बिहार ही है. एक तरफ जहां चंपारण से जुड़ा उनका इतिहास है वहीं भागलपुर भी महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) चार बार आ चुके थे.
कुल चार बार भागलपुर आए बापू
महात्मा गांधी अपने जीवन काल में कुल चार बार भागलपुर आए. भागलपुर के ही जाने माने पत्रकार रहे दिवंगत मुकुटधारी अग्रवाल उन दिनों के साक्षी रहे. सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाले मुकुटधारी अग्रवाल अक्सर आजादी के दिनों की यादों को लिखते रहते थे. उन्होंने तब लिखा था कि गांधी जी कुल चार बार भागलपुर आए थे. यहां तक की एक बार अपना जन्मदिन भी उन्होंने भागलपुर में ही मनाया था और बेहद सादगी के साथ इसे मनाया.
छात्र सम्मेलन की अध्यक्षता करने आए
गांधी जी पहली बार 15 अक्टूबर 1917 को भागलपुर आए. भागलपुर में प्रदेश छात्र सम्मेलन की अध्यक्षता करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था. उन्होंने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए एक शर्त रखा था कि कार्यक्रम हिंदी में ही हो. आयोजकों ने इस शर्त को स्वीकार किया और गांधी जी भागलपुर आए. गांधी जी अपनी काठियावाड़ी वेशभूषा में आए. पगड़ी, खादी कुर्ता, खादी धोती और काठियावाड़ी जूते में गांधी जी का आगमन हुआ. आज भागलपुर में जो प्रसिद्ध लाजपत पार्क मैदान है वो जमीन कांग्रेसी नेता दीपनारायण सिंह की जमीन थी और उन्होंने इसे भागलपुर नगर पालिका को दिया. इसी मैदान में छात्र सम्मेलन हुआ था.
ट्रेन के थर्ड क्लास डब्बे में बैठकर आए
दूसरा दौरा 12 दिसंबर 1920 को हुआ जब महात्मा गांधी भागलपुर आए. दीपनारायण सिंह मेजबान बने. उनके साथ कांग्रेस के बड़े नेता शौकत अली भी आए. ट्रेन के थर्ड क्लास डब्बे में बैठकर महात्मा गांधी भागलपुर आए थे. स्टेशन पर हजारों लोगों ने स्वागत किया और गाने बाजे के साथ दीप बाबू के आवास पर लेकर आए. गांधी जी ने तब टील्हा कोठी के प्राचीर से बड़ी आम सभा को संबोधित किया था. वो जगह आज भी उन दिनों की गवाही देता है.
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भागलपुर में अपना जन्मदिन भी मनाया, भूकंप के दौरान भी आए
गांधी जी अपनी तीसरी यात्रा के दौरान 1 अक्टूबर और 2 अक्टूबर 1925 को भागलपुर में था. जहां उन्होंने अपना जन्मदिन भी मनाया था. बिहार प्रांतीय अग्रवाल सभा का भी उन्होंने उद्घाटन किया था. वहीं 1934 में जब बिहार में प्रलयकारी भूकंप आया तो लाखों लोग बेघर हुए. गांधी जी भूकंप पीड़ितों की पीड़ा को अपनी आंखों से देखने का फैसला लिया और कांग्रेस के सहायता कार्यों की समीक्षा के लिए उत्तरी बिहार का दौरा समाप्त कर 2 अप्रैल 1934 को सहरसा होते हुए भागलपुर के बिहपुर पहुचे थे. गंगा पार करके वो भागलपुर आए. साथ में सीमांत गांधी के नाम से जाने गये अब्दुल गफ्फार खान भी उनके साथ थे.
Published By: Thakur Shaktilochan