PHOTOS: पटना में सज गया लालबाग के राजा का दरबार, दिखने लगी गणपति उत्सव की धूम
दस दिनों तक रिद्धि-सिद्धि के प्रदाता व देवाधिदेव भगवान गणेश का आह्वान किया जायेगा. पटना में भी इसकी धूम दिखने लगी है. शहर में दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल परिसर, मीठापुर बस स्टैंड सहित पटना सिटी, दानापुर में भी बप्पा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए भव्य पंडाल बनाये गये हैं.
जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति… के जयघोष के साथ आज राजधानी पटना में गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई. शहर में दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल परिसर से लेकर मीठापुर बस स्टैंड सहित पटना सिटी, दानापुर में भी बप्पा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए भव्य पंडाल बनाये गये हैं. इस वर्ष विशेष संयोग में गणेश चतुर्थी विशेष फल देने वाली साबित होगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुख-समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था. इसी उपलक्ष्य में हर साल गणेश उत्सव मनाया जाता है. यह पर्व पूरे दस दिनों तक चलता है, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है.
इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर से शुरू हो चुकी है. वहीं इसका समापन 28 सितंबर को होगा.
पटना के महाराष्ट्र मंडल भवन में धूमधाम से श्री गणेश जी के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ उत्सव शुरू हुआ. लाल बाग के राजा 25 लाख के हीरों के मुकुट पहनाये गये हैं. महावीर मन्दिर में गणपति के अवतरण का त्योहार मनाया गया. महाराष्ट्र मंडल में पूजा-अर्चना करने पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार और पटना की मेयर सीता साहू पहुंची.
इस बार भी लालबाग के राजा की प्रतिकृति महाराष्ट्र से निर्मित होकर आयी है. पूजा के संबंध में महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष जयचंद पवार व सचिव संजय भोसले ने बताया कि मंगलवार की सुबह गणेशजी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई.
महराष्ट्र मंडल के पंडाल में स्थापित श्री गणेश जी की पूजा करने के लिए विशेष तौर महाराष्ट्र के सांगली से पंडित प्रशांत जहागीरदार आये हैं. लालबाग के राजा की प्रतिमा इस वर्ष आठ फीट की है.
वहीं पटना के न्यू रोड स्थित पुरानी मीठापुर बस स्टैंड (बिग्रहपुर) में पिछले 12 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जायेगा. संघ के अध्यक्ष अजीत कुमार यादव ने बताया कि इस बार यहां भगवान गणेश की प्रतिमा 12 फीट की होगी, जिसे कुम्हार टोली (कोलकाता) के मूर्तिकार विश्वजीत पाल ने बनाया है.
मंगलवार को पंडाल में शाम छह बजे कलश स्थापना और प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 27 सितंबर को जागरण संध्या और पूजा का समापन और खिचड़ी भंडारा का आयोजन होगा. जबकि, 29 सितंबर को विसर्जन यात्रा संपन्न होगा. श्रद्धालु 351 रुपये का सहयोग राशि देकर हांडी प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं.