कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 49 सेमी ऊपर, सड़क पर चढ़ने लगा पानी

कहलगांव में गंगा के जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 49 सेमी ऊपर पहुंच गया. सीढ़ी घाट स्थित हाइमास्ट टाॅवर से आगे पानी सड़क पर चढ़ गया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गुरुवार को जलस्तर 31.64 मीटर रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2021 12:41 PM

कहलगांव . कहलगांव में गंगा के जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 49 सेमी ऊपर पहुंच गया. सीढ़ी घाट स्थित हाइमास्ट टाॅवर से आगे पानी सड़क पर चढ़ गया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गुरुवार को जलस्तर 31.64 मीटर रहा. पूर्वानुमान में बताया गया है कि शुक्रवार रात 10 बजे तक जलस्तर 31.82 मीटर पर पहुंच सकता है.

बाढ़ पीड़ितों में पुन: दहशत

जमालपुर कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर गंगा नदी के पानी में बढ़ोतरी होने लगी है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल से ऊपर चला गया है और प्रखंड क्षेत्र के निचले इलाकों के लोगों में एक बार फिर दहशत का माहौल कायम हो गया है.

बताया जाता है कि जमालपुर प्रखंड के सिंधिया, पड़हम और इंदरुख पश्चिमी पंचायत गंगा के तट से सटा हुआ है. हालांकि पिछले दिनों बाढ़ की विभीषिका में सर्वाधिक प्रभावित प्रखंड का रामपुर कलान और इटहरी पंचायत रहा था. इन पांचों पंचायतों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी अभी तक जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है. कई जगह बाढ़ पीड़ित अभी भी उद्वेलित हैं.

ऐसे में एक बार फिर से गंगा के जलस्तर में हो रहे बढ़ोतरी से प्रभावित क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इतना ही नहीं अधिकारियों में भी खलबली मची हुई है. पिछले लगभग आठ-दस दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी. ऐसे में मंगलवार से एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई. हालांकि अभी भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है.

बताया गया कि मुंगेर में हाईएस्ट फ्लड लेवल 40.99 मीटर रहा है. जबकि वार्निंग लेवल 38.33 और डेंजर लेवल 39.33 है. अंचल अधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि बुधवार को गंगा का जलस्तर लगभग 38.54 मीटर था.

प्रभावित पंचायतों के ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग अभी पिछले दिनों की बाढ़ की विभीषिका से उबरे भी नहीं हैं कि एक बार फिर गंगा मैया ने रौद्र रूप दिखाना आरंभ कर दिया है. जिस हिसाब से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है यदि यही स्थिति रही तो 2 से 4 दिनों में यह खतरे के निशान तक पहुंच जायेगी. जिसके कारण न केवल आम जनजीवन बल्कि मवेशियों और किसानों के लिए भारी परेशानी उत्पन्न हो जायेगी.

कहते हैं अंचल अधिकारी

अंचल अधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर भले ही वार्निंग लेवल से ऊपर चला गया है. परंतु अभी भी यह खतरे के निशान से काफी नीचे है. फिर भी एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाए तथा तमाम परिवर्तन की सूचना मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए.

Posted by Ashish Jha

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