बिहार के डिप्टी सीएम व पथ निर्माण विभाग के मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि गंगा नदी पर सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच नया पुल बनेगा और इसकी लागत सरकार पर नहीं आने दी जायेगी. इस पर आने वाला खर्च संवेदक वहन करेंगे. पहले पीयर नं-5 का सेगमेंट तोड़ा गया था, उसकी लागत संवेदक को ही देनी पड़ी.
तेजस्वी ने कहा कि जब पीयर नं-5 में डिफेक्ट आया था तो उस समय नीतिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे. जिसके बाद आइआइटी रुडकी को जांच सौंपी गयी थी. रिपोर्ट आने पर हम लोगों ने करीब 50 सेगमेंट को तोड़ने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट था और इसे बनाने की उनकी 2012 से ही सोच थी. 2014 से निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई. सीबीआइ जांच की मांग पर तेजस्वी ने कहा कि सब कुछ स्पष्ट है कि दोषी कौन हैं. इंजीनियरिंग विभाग है, आइआइटी रुडकी जांच कर रही है. सीबीआइ वाले इंजीनियर नहीं हैं, जो जांच करेंगे.
इधर, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा है कि आइआइटी रुडकी की जांच रिपोर्ट मंगलवार को मिल गयी है. इसका अध्ययन कर सभी अनुशंसाओं पर विचार कर आगे निर्णय लिया जायेगा. अब नये डीपीआर के आधार पर नये पुल को तेजी से बनाना है. मानसून के बाद यह काम प्राथमिकता के आधार पर शुरू होगा. प्रारंभिक तथ्य के आधार पर संवेदक एसपी सिंगला को नोटिस निर्गत किया गया है.
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प्रत्यय अमृत ने कहा कि पुल निर्माण निगम के खगड़िया में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता को निलंबित किया गया है. साथ ही इस पुल से जुड़े दो अनुभवी अभियंताओं को वापस इस परियोजना में लाया गया है. नये डीपीआर के आलोक में इस पुल का नये सिरे से निर्माण कराया जायेगा.