गंगा दशहरा: वृष लग्न और हस्त नक्षत्र सिद्धयोग में मनेगा पर्व, जानें क्यों नाम पड़ा गंगा दशहरा

गंगा दशहरा मां गंगा को समर्पित एक पर्व है, जिसे ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है, जिसका अर्थ गंगा का अवतार है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2023 7:52 PM

मुजफ्फरपुर: गंगा दशहरा का पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा. यह पर्व वृष लग्न में हस्त नक्षत्र सिद्धयोग में मनेगा. इसी दिन गायत्री जयंती भी है. पं. प्रभात मिश्र ने कहा कि गंगा दशहरा मां गंगा को समर्पित एक पर्व है, जिसे ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है, जिसका अर्थ गंगा का अवतार है. इस दिन किसी भी नदी में स्नान करके दान व तर्पण करने से मनुष्य जाने-अनजाने में किये गये 10 पापों से मुक्त होता है. इन दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पड़ा है.

क्या है गंगा दशहरा मनाने के पीछे का कारण

माना जाता है भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धरती पर गंगा को लाना चाहते थे, एक श्राप के कारण केवल मां गंगा ही उनका उद्धार कर सकती थी, जिसके लिए उन्होंने मां गंगा की कठोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ने दर्शन दिया और भागीरथ ने उनसे धरती पर आने की प्रार्थना की. फिर गंगा ने कहा, मैं धरती पर आने के लिए तैयार हूं, लेकिन मेरी तेज धारा धरती पर प्रलय ले आयेगी. भागीरथ ने उनसे इसका उपाय पूछा और गंगा ने शिव जी को इसका उपाय बताया. माना जाता है कि मां गंगा के प्रचंड वेग को नियंत्रित करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में समा लिया, जिससे धरती को प्रलय से बचाया जा सके. उसके बाद नियंत्रित वेग से गंगा को पृथ्वी पर प्रवाहित कराया. इसके बाद भागीरथ ने अपने पूर्वजों की अस्थियां प्रवाहित कर उन्हें मुक्ति दिलायी.

Also Read: Road News: मुजफ्फरपुर से मोतिहारी समेत इन तीन जिलों का सफर होगा आसान, जानें प्रशासन क्या कर रहा है काम…
31 मई को मनेगी निर्जला एकादशी

गंगा दशहरा के दूसरे दिन बुधवार को निर्जला एकादशी मनायी जायेगी. इस दिन निर्जला व्रत करते हुए भगवान विष्णु स्मरण करें. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला नाम की एक ही एकादशी का व्रत करने मात्र से वर्ष भर की समस्त एकादशियों का फल प्राप्त होता है. जो इस व्रत को निष्ठापूर्वक करता है, उसे सुख, यश व मोक्ष का लाभ मिलता है.

Next Article

Exit mobile version