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पटना के गंगा पथ को रिवर फ्रंट के रूप में किया जायेगा विकसित, जिम और पार्किंग के साथ मिलेगी खाने-पीने की सुविधा

पटना के गंगा पथ को दीघा से कलेक्ट्रेट तक ग्रीन काेरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना है. इसके साथ ही रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा. इन परियोजनाओं के तहत तालाब, उद्यान, फव्वारे, पार्किंग की भी सुविधा भी उपलब्ध कटाई जाएगी.

पटना स्मार्ट सिटी के तहत गंगा पथ को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही दीघा से कलेक्ट्रेट तक करीब छह किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना है. इसे तीन साल में विकसित करने की योजना है. यहां रेस्तरां, कैफेटेरिया, मॉल और बहुमंजिला पार्किंग, बच्चों और वरिष्ठ नागरिक पार्क, सांस्कृतिक और मनोरंजन केंद्र, ओपन जिम, जॉगिंग ट्रैक, छठ पर्व पर नौकायन के लिए तालाब और साइक्लिंग ट्रैक आदि सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. महापर्व के दौरान गंगा तट पर पहुंचने वालों को भी इसका लाभ मिल सकेगा. रिवर फ्रंट और ग्रीन कॉरिडोर के विकास से राजधानी का यह स्थान बेहतरीन पर्यटन स्थल बन जायेगा. इधर, कुर्जी से कलेक्ट्रेट तक गंगा चैनल भी बनाया गया था, जहां आज भी नाला बह रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना है.

ग्रीन कॉरिडोर और रिवर फ्रंट के लिए टेंडर

दीघा से समाहरणालय के बीच बनने वाले इस ग्रीन कॉरिडोर के लिए बिहार राज्य सड़क विकास निगम ने एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एजेंसी के चयन के लिए 10 जनवरी तक का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, रिवर फ्रंट के लिए टेंडर इसी साल सितंबर में जारी किया गया था. इस हिसाब से इसकी लागत 46.26 करोड़ रुपये आंकी गई है और एजेंसी को छह महीने में इसका काम पूरा करना होगा. जानकारी के मुताबिक पीएससी (पटना स्मार्ट सिटी) ने एजेंसी का चयन कर लिया है. हालांकि, अभी वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुआ है. प्रोजेक्ट के संबंध में अधिक जानकारी जारी होते ही उपलब्ध करा दी जाएगी.

अंडरपास में लगेगा गेट

मॉनसून के सीजन में गंगा में पानी बढ़ जाने की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है और गंगा पथ पर भी नदी का पानी चढ़ जाता है. ऐसे में बाढ़ का पानी ग्रीन कॉरिडोर के तहत बनने वाले पार्क में न फैले इसके लिए भी तैयारी की जा रही है. पार्क में पानी फैलने से रोकने के लिए जेपी गंगा पथ के अंडरपास में गेट लगेगा. इस गेट को गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर बंद कर दिया जाएगा और जब पानी का जलस्तर घट जाएगा. तो लोगों के आने-जाने के लिए गेट को वापस खोल दिया जाएगा.

लगाए जाएंगे विभिन्न पेड़-पौधे

जानकारी के अनुसार इस पार्क में विभिन्न जगहों से लाए गए अलग-अलग किस्म के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. यहां फलदार वृक्ष, औषधीय पौधे, खुसबुदार फूल भी लगाए जाएंगे. जो वातावरण के साथ ही यहां आने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होगा. यहां लोगों की सुविधा के लिए ग्रीन शौचालय, पीने के लिए स्वच्छ पानी आदि की भी सुविधा उपलब्ध होगी. गंगा पथ के दक्षिण में करीब दो हजार गाड़ियों के लिए मल्टी पार्किंग बनाने की भी योजना है. यहां गाड़ी लगाने के बाद लोग अंडरपास से होकर बाजार जा सकेंगे. इसके साथ ही यहां आने- जाने के लिए जेपी गंगा पथ से जगह-जगह पर संपर्क पथ भी बनेगा. इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यहां का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगेगा.

लोग फुर्सत का वक्त बिताने आते हैं गंगा पथ और मरीन ड्राइव

जेपी गंगा पथ पर्यटक स्थल बन गया है. वीकेंड पर शनिवार और रविवार को मरीन ड्राइव पर मेले-सा नजारा नजर आता है. लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ शाम के वक्त यहां घूमने और फुर्सत का वक्त बिताने आते हैं. अभी वहां सुविधाओं का अभाव है. लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां पर्यटकीय सुविधाओं का भी विकास किए जाने की योजना है.

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बांसघाट पर नये विद्युत शवदाह गृह का काम शुरू

इधर, दीघा और कलेक्ट्रेट के बीच पड़ने वाले बांसघाट में भी पटना स्मार्ट सिटी (पीएससी) के तहत बनने वाले नये विद्युत शवदाह गृह कांप्लेक्स के निर्माण का काम शुरू हो गया है. सोमवार को निर्माण स्थल पर मंदिरी नाले के पानी के ऊपर अस्थायी पुल बनाने का काम जारी था. मिली जानकारी के अनुसार अस्थायी पुल के बनने तक अन्य निर्माण सामग्री को मंगा लिया जायेगा. इसके बाद काम में और तेजी आ जायेगी. निविदा के अनुसार एजेंसी को 11 महीने में काम पूरा करना है. इस पर 89.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें दो विद्युत शवदाह गृह और चार चबूतरे लकड़ी से शव जलाने के लिए बनाये जायेंगे. इस परियोजना के पूरा होने पर यहां शव जलाने के लिए लोगों को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

नए विद्युत शवदाह परिसर में बैठने, पार्किंग समेत होंगी सभी सुविधाएं

परियोजना के मास्टर प्लान के अनुसार शवदाह गृह परिसर में लोगों के बैठने की अच्छी सुविधा होगी और बड़े क्षेत्र में पार्किंग का निर्माण होगा. इसमें दोपहिया, चार पहिया वाहनों के अलावा बड़ी गाड़ियों को पार्क करने की भी सुविधा होगी. इसके साथ ही समूचे परिसर में कई जगह ग्रीन बेल्ट बनाया जाना है. इसमें पेड़ और घास को अधिक संख्या में लगाया जायेगा.

दो तालाबों का भी होगा निर्माण

नए शवदाह गृह कांप्लेक्स में शवों के अवशेष को जल में प्रवाहित करने के लिए दो तालाबों का निर्माण किया जायेगा. एक तालाब की लंबाई करीब 45 मीटर और दूसरी की लंबाई करीब 65 मीटर होगी. दोनों तालाबों में गंगा नदी का पानी भरा जायेगा. नया शवदाह गृह परिसर करीब पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा.

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2011 में जेपी गंगा पथ का प्रस्ताव हुआ था पारित

जेपी गंगा पथ की पूरी परियोजना अंतर्गत दीघा से दीदारगंज कुल 20.5 किलोमीटर लंबी है. 2011 में सरकार ने इसका प्रस्ताव पास किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में गंगा पथ का शिलान्यास किया था.

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