Patna News: क्रिकेट खेलने के दौरान बनाया गंगा में नहाने का प्लान, एक-दूसरे को बचाने में डूबे चार दोस्त
पटना के राजापुर पुल घाट पर गंगा में डूबे चार लोगों को खोजने के लिए लगभग साढ़े ग्यारह से 12 बजे के बीच एसडीआरएफ की टीम दो नाव से पहुंची. लगभग छह घंटे तक पांच किलोमीटर की रेंज में टीम ने सर्च अभियान चलाया.
पटना के राजापुर पुल घाट के गंगा में चार दोस्तों की डूबने से हुई मौत के बाद परिजनों के साथ पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. रविवार को गंगा में डूबने के दौरान एक दूसरे को बचाने में चार दोस्तों की जान चली गयी. घटना के बाद मृतक के दोस्त सर्वेश कुमार (पिता वैशाली के नगर थाने में दारोगा पद पर तैनात) ने बताया कि पहले सभी दोस्त हमलोग पुलिस लाइन में रहते थे. अब सब अलग-अलग जगहों पर रहने लगे. रविवार को सभी दोस्तों ने क्रिकेट खेलने का प्लान बनाया और अहले सुबह गांधी मैदान में क्रिकेट खेलने के लिए जुटे. क्रिकेट खेलने के बाद सभी अपने-अपने घर चले गये. क्रिकेट खेलने के दौरान ही 9 साथियों ने गंगा में नहाने का प्लान बना लिया था. इसके बाद सभी ने अपने-अपने घर से तौलिया और गमछी लेकर गंगा में नहाने निकल गये. घर वालों को भी बताया कि नहाने जा रहे हैं, लेकिन परिजनों को पता नहीं था कि सभी राजापुर पुल घाट पर नहाने जा रहे हैं.
घाट पर रोते-बिलखते पहुंचे परिजन
डूबने की सूचना मिलते ही सभी के परिजन घाट पर पहुंच गये. मौके पर बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस के साथ पुलिस लाइन के कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गये. जैसे-जैसे मृतकों का शव निकल रहा था, परिजनों की रो-रोकर हालत खराब हो रही थी. अपने बेटे और भाई के शव देख कर परिजन दहाड़ मार-मार कर रो रहे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह काफी खतरनाक घाट है और शहर के मुख्य मार्ग से दो किलोमीटर से अधिक अंदर है. रविवार होने के कारण मौके पर उस वक्त कोई नहीं था.
मिट्टी मारने के दौरान दिव्यांशु का पहले फिसला पैर
गंगा में नौ लोग तीन गाड़ियों से नहाने पहुंचे थे. एक-एक कर सभी नदी में नहाने के लिए उतरे. इसके बाद देखते ही देखते सभी एक-दूसरे पर मिट्टी फेंकने लगे. इसी दौरान दिव्यांशु का पैर फिसल गया और वह डूबने लगा. दोस्त को डूबता देख अन्य दोस्त बचाने के लिए आगे बढ़े, इसी में बाकी के दोस्त भी डूबने लगे और छह दोस्त गंगा में समा गये. किसी तरह राहुल और अनिमेश बाहर आ गये, लेकिन सोनू, दिव्यांशु, मोनू, विश्वजीत कुमार और विकास डूब गये.
घंटों छानबीन के बाद एसडीआरएफ ने निकाला शव
राहुल और अनिमेश ने भागते हुए पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद एसडीआरएफ मौके पर पहुंच गयी. पुलिस ने शुरुआत में ही सोनू को बाहर निकाल लिया और अस्पताल में भर्ती करा दिया, जिससे उसकी जान बच गयी. वहीं राहुल और अनिमेश बाकी के साथियों को खोजने में एसडीआरएफ की मदद करने में जुट गये. घंटों छानबीन के बाद विकास, मोनू और विश्वजीत को एसडीआरएफ ने निकाला, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं दिव्यांशु की तलाश देर शाम तक चलती रही.
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एसडीआरएफ की दो नावों ने पांच किमी की रेंज में छह घंटे किया सर्च
राजापुर पुल घाट पर गंगा में डूबे चार लोगों को खोजने के लिए लगभग साढ़े ग्यारह से 12 बजे के बीच एसडीआरएफ की टीम दो नाव से पहुंची. लगभग छह घंटे तक पांच किलोमीटर की रेंज में टीम ने सर्च अभियान चलाया. इस दौरान कई बार गोताखोर का सिलिंडर भी खत्म हुआ, जिसके बाद इमरजेंसी में ऑक्सीजन सिलिंडर मंगवा कर फिर से सर्च अभियान में टीम जुट गयी. एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि एडीएम आपदा ने उन्हें लगभग 11:30 बजे सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम 20 मिनट में मौके पर पहुंच गयी. दिव्यांशु की तलाश में सोमवार को फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया जायेगा.
घटना के बाद पुलिस लाइन में शोक
इस दर्दनाक घटना के बाद नवीन पुलिस लाइन में कोहराम मच गया. एक साथ चार युवकों के डूबने की बात सुन लाइन के हर पुलिसकर्मी के आंखों में आंसू थे. लाइन के पुलिसकर्मियों ने बताया कि ये काफी भयावह हादसा है. इस वक्त परिजनों पर क्या बीत रही होगी, ये कोई नहीं जान सकता. थानाध्यक्ष नीहार भूषण ने बताया कि सभी मृतकों का पोस्टमार्टम करा शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.