बिहार में तेजी से बढ़ रहा गंगा नदी का जलस्तर, भागलपुर-मुंगेर समेत अन्य जिलों में जानिए क्या हैं हालात…

बिहार में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. भागलपुर, कटिहार, मुंगेर में गंगा में उफान देखा जा रहा है. नदी में पानी का लेवल बढ़ने की वजह से लोग अब भय के साये में जी रहे हैं. पलायन की भी तैयारी की जाने लगी है. वहीं सुल्तानगंज में बैरिकेडिंग अब डूबने लगी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2023 2:48 PM

Flood Update: बिहार में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सीमांचल क्षेत्र के अलावे भागलपुर, मुंगेर में इसके जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गयी. वहीं किऊल नदी का भी जलस्तर बढ़ा है. कई जिलों में कटाव के कारण लोगों की चिंता बढ़ गयी है. वहीं श्रावणी मेला 2023 के दौरान अभी सुल्तानगंज के गंगा घाट पर भी जलस्तर में बढ़ोतरी हुआ है और अब श्रद्धालुओं की सुरक्षा के हिसाब से प्रशासन को अलग तैयारी करनी पड़ रही है.

कटिहार में गंगा का जलस्तर

कटिहार जिले के मनिहारी में गंगा नदी का जलस्तर पिछले दो दिनों से तेजी से बढ़ रहा है. गुरुवार को भी मनिहारी गंगा घाट पर जलस्तर बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने से दर्जनों अस्थायी दुकान पानी मे डूब गये है. नगर पंचायत की ओर से सावन माह में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए बेरिकेडिंग लगाया गया है. गंगा जलस्तर बढने पर बेरिकेडिंग का स्थान परिवर्तन किया गया है. गंगा जलस्तर बढ़ने का असर फेरी सेवा पर अभी नहीं पड़ा है. स्टीमर और नाव सेवा में अभी परेशानी नहीं है.

भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा का जलस्तर बढ़ा

श्रावणी मेला के 24वें दिन गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद भागलपुर जिला के सुल्तानगंज स्थित गंगा घाट पर लगाये गये बांस-बल्ला का बैरिकेडिंग डूबने लगा है. नमामि गंगा घाट व मंदिर घाट पर बैरिकेडिंग डूबने के बाद उसे दुरुस्त किया जा रहा है. सुरक्षित गंगा स्नान करने को गंगा घाट पर की गयी व्यवस्था और बेहतर करने की जरूरत है. मंदिर घाट पर गंगा नदी मे किये गये बांस बैरिकेडिंग दो लेयर डूब गया है. जलस्तर बढ़ने से बैरिकेडिंग कई जगह खुल गया है. जिससे कांवरियों को परेशानी हो रही है. पानी मे लगातार वृद्धि जारी है. बच्चों और महिलाओं को स्नान करने में परेशानी देखी गयी.

जलस्तर बढ़ने के हिसाब से बैरिकेडिंग आगे-पीछे किया जा रहा

स्थानीय लोगों ने कम पानी में स्नान करने को कहा है. मंदिर घाट पर कटाव भी जारी है. बाढ़ नियंत्रण विभाग को बैरिकेडिंग करने की जिम्मेदारी मिली है. कांवरिया ने बताया कि गंगा घाट में बैरिकेडिंग टूटने पर गंगा स्नान करने में काफी परेशानी हो रही है. कई कांवरिया गहरे पानी में जाकर स्नान कर रहे हैं. एक कांवरिया गंगा स्नान करने के दौरान डूबने से बाल-बाल बच गया. बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई पीसी चौधरी ने बताया कि गंगा के पानी में लगातार वृद्धि हो रही है. पानी और बढ़ने की संभावना है. कांवरिया के सुरक्षित स्नान को बांस बैरिकेडिंग का कार्य किया गया है. पानी के हिसाब से आगे पीछे किया जा रहा है. जलस्तर के अनुसार बैरिकेडिंग को आगे किया जायेगा.

Also Read: कटिहार में बच्ची संग दुष्कर्म करने लगा कंपाउंडर, बिहार में मर्डर की भी दंग करने की वाली अन्य घटना जानिए..
कहलगांव के तोफिल गांव के पास कटाव शुरू

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ कहलगांव, बटेश्वर से सटे तोफिल अठावन दियारा समेत अन्य जगहों पर कटाव शुरू हो गया है. गुरुवार को तोफिल गांव से सटे उत्तर दिशा की ओर हो रहे कटाव से गांव के लोग डरे सहमे हैं. ग्रामीणों को घर कटने के साथ विस्थापित होने का भय सता रहा है. वीरबन्ना पंचायत के लोगों ने बताया कि गुरुवार को दोपहर बाद गांव से पहले उत्तर दिशा में हो रहे कटाव से गांव पर खतरा मंडराने लगा है. ग्रामीणों को विस्थापन होने का भय सता रहा है. पश्चिम दिशा तौफिल और अठावन गांव के बीच जारी कटाव से लंबे क्षेत्र में कृषि योग्य जमीन गंगा में विलीन होती जा रही है. लोगों के अनुसार अठावन दियारा के पास किसानों के कृषि योग्य भूमि कट कर गंगा में विलीन हो रही है. गांव के पास हो रहे कटाव के संदर्भ में फ्लड नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य त्यागी ने बताया कि तोफिल और अठावन गांव के समीप के कटाव होने की स्थिति में फ्लड फाइटिंग कार्य के लिए बोरा में बालू भर कर रखा गया है. विभाग के अभियंता कटाव स्थल का निरीक्षण कर फ्लड फाइटिंग का काम शुरू करेंगे.

गोपालपुर में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी

गोपालपुर में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है. जल संसाधन विभाग के अनुसार 12 घंटे में छह सेंमी की वृद्धि हुई है. गंगा नदी का न्यूनतम जलस्तर 24.30 मीटर है. आज का जलस्तर 29.83मीटर, चेतावनी का जलस्तर 30.60मीटर, खतरे का जलस्तर 31.60 मीटर तथा अधिकतम जलस्तर 33.50 मीटर है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.

गंगा में उफान से राघोपुर में भीषण कटाव, दहशत

भागलपुर के खरीक अंतर्गत राघोपुर ब्रह्मबाबा स्थान के समीप भीषण कटाव शुरू हो गया है, जिससे तटीय गावों में दहशत है. गंगा का कटाव तेज होने से इलाके में संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता समेत अन्य पदाधिकारियों को कटाव की जानकारी दी गयी. कटाव की सूचना मिलने के बाद जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता समेत अन्य पदाधिकारियों की टीम कटाव स्थल पहुंच कर कटाव का जायजा लिया. पदाधिकारियों ने शीघ्र कटावरोधी कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया. अगर शीघ्र बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ, तो राघोपुर सहित आसपास के कई गांव जलमग्न हो जायेंगे.जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता रणधीर प्रसाद ने कहा कि कटाव स्थल पहुंच कर जांच की और संवेदक को बचाव कार्य शुरू करने का आदेश भी दिये हैं. जहां जरूरी है वहां बचाव कार्य शुरू हो जायेगा.

मुंगेर में गंगा का जलस्तर हर दो घंटे में बढ़ रहा

गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण मुंगेर में गंगा उफान पर है. गुरुवार को गंगा का जलस्तर 36 मीटर के पार हो गया. इसके कारण गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं नदी-नालों के माध्यम से गंगा के पानी का बहाव होने लगा है. इसके कारण इस बार भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि अभी भी गंगा डेंजर लेवल से 3.32 मीटर और वार्निंग लेवल से 2.32 मीटर नीचे बह रही है.हर दो घंटे में एक सेंटीमीटर के हिसाब से पानी बढ़ता जा रहा है. इसके कारण संभावित बाढ़ के खतरे से दियारावासी व गंगा तट पर बसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. मुंगेर में वार्निंग लेवल 38.33 मीटर और डेंजर लेवल 39.33 मीटर है. और वार्निंग लेवल पार करते ही मुंगेर भीषण बाढ़ की चपेट में आ जाता है. हालांकि अभी वार्निंग लेवल से गंगा 2.32 मीटर नीचे बह रही है. इसके कारण बाढ़ की स्थिति अभी उत्पन्न नहीं हुई, लेकिन गंगा में उफान है और तटवर्ती इलाकों के घाटों पर दबाव लगातार बढ़ता चला जा रहा है.मुंगेर में दियारा क्षेत्र के लोगों ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए अपने लिए सुरक्षित स्थानों की खोज जारी कर दी है, ताकि जान-माल की अधिक हानि नहीं हो.

लखीसराय में गंगा व किऊल नदी

लखीसराय में गंगा के पानी बढ़ने के साथ ही किऊल नदी में पानी प्रवेश कर गया है. किऊल नदी में गंगा का पानी पूरब साइड से प्रवेश करने के कारण नदी में उल्टी धारा चलने लगी है. इस बार बारिश नहीं होने के कारण पूरा नदी पानी से भर भी नहीं पाया था. जुलाई के माह में कुछ बारिश होने के कारण कुंदर बराज से पानी छोड़ा गया था, लेकिन पानी कम होने के कारण नदी में पानी कम रहा था. जिसके कारण पानी का लेयर की बढ़ोतरी नहीं हो पाया था, लेकिन गंगा की पानी जब किऊल नदी में प्रवाहित होने लगा तो पानी का लेयर कुछ ऊपर की ओर बढ़ने लगा है. इसका मुख्य कारण यह है कि गंगा नदी की पानी धीमी गति से उल्टा प्रवाहित हो रहा है. पानी के धीमी गति प्रवाहित होने के कारण नदी में मौजूद गड्ढे भर चुके हैं. इसके साथ ही गड्ढे भर जाने के कारण उसमें अधिक समय तक पानी टिका हुआ है. किऊल नदी में पिछले पांच-छह दिन से गंगा नदी के बढ़ने के कारण पानी का लेयर भी बढ़ा है. पानी की लहर बढ़ने के साथ ही किसानों के बोरिंग से पानी की धार बढ़ने लगा है. जिससे उन्हें खेतों का पटवन करने में आसानी हो रही है.

Next Article

Exit mobile version