Bihar Flood: बिहार में बढ़ने लगा गंगा नदी का जलस्तर, तटीय इलाके में बसे लोग सहमे, जानें ताजा हालात
बिहार की कई नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के बाद अब गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसा उत्तर भारत में हो रही बारिश के कारण हो रहा है. गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से अब तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को बाढ़ का खौफ सताने लगा है.
उत्तर भारत में बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पटना, भागलपुर, कटिहार सहित अन्य जगहों पर हो रही जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से लोग सहमे हुए हैं. पटना के दीघा व गांधी घाट पर गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. दीघा घाट पर सोमवार की सुबह से मंगलवार की सुबह गंगा के जल स्तर में 14 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई. वहीं, गांधी घाट पर चार सेंटीमीटर वृद्धि हुई. सोमवार को दीघा में 46.40 मीटर व गांधी घाट पर 45.87 मीटर जल स्तर रहा. पिछले शनिवार के जल स्तर से तुलना करने पर मंगलवार को लगभग एक मीटर बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, दोनों घाटों पर गंगा का जल स्तर अभी खतरे से नीचे है. दीघा में खतरे का लेवल 50.45 मीटर व गांधी घाट पर 48.60 मीटर है. गंगा में लगातार जल स्तर बढ़ने से घाट किनारे गंगा पहुंच गयी है.
बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, तटीय इलाके में बसे लोग सहमे
वहीं, भागलपुर में कुछ दिनों तक स्थिर रहने के बाद एक बार फिर से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे गंगा के तटीय इलाके में बसे लोग सहमे हुए हैं. बाढ़ की संभावना को देखते हुए लोग अपने सामानों को समेटने लगे है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में मंगलवार को भागलपुर में 26 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. बीते सोमवार को जलस्तर 29.12 मीटर पर था, जो बढ़कर अब 29.38 मीटर पर पहुंच गया है. हालांकि, यह खतरे के निशान से अभी 4.30 मीटर नीचे हैं. खतरे का निशान 33.68 मीटर निर्धारित है. इधर, गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना बतायी गयी है.
गंगा में उतार चढ़ाव, बरंडी के जलस्तर में उफान
इधर, कटिहार जिले में भी गंगा व बरंडी नदी के जलस्तर में उफान जारी है. जबकि कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से मंगलवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक रामायणपुर में मंगलवार की सुबह गंगा नदी का जलस्तर 24.71 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 24.71 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 26.99 मीटर दर्ज किया गया था, जो 12 घंटे बाद मंगलवार की शाम बढ़कर 27.02 मीटर हो गया. वहीं, कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर मंगलवार की सुबह 27.25 मीटर दर्ज की गयी. शाम में यहां का जलस्तर 27.25 मीटर ही रहा है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर में 27.53 मीटर दर्ज किया गया. मंगलवार की शाम यहां का जलस्तर बढ़कर 27.59 मीटर हो गया है.
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लाल निशान से नीचे उतरा महानंदा का जलस्तर
कटिहार में महानंदा नदी के जलस्तर में मंगलवार को तीसरे दिन भी कमी दर्ज की गयी है. हालांकि जलस्तर में कमी के बावजूद इस नदी का जलस्तर अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से मंगलवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक महानंदा नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, धबोल, कुर्सेल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में घट रही है. साथ ही इस नदी का जलस्तर भी अब लाल निशान से नीचे आ गया है. इस नदी के जलस्तर में कमी होने के बावजूद कदवा, आजमनगर सहित आसपास के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगी है. धान व मखाना को नुकसान होने लगा है.
घट रहा महानंदा का जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी का कटिहार के झौआ में मंगलवार की सुबह जलस्तर 31.30 मीटर था, जो शाम में घटकर 31.06 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 31.00 मीटर था, जो घटकर 30.80 मीटर हो गया. कुर्सेल में मंगलवार की सुबह 31.35 मीटर था, जो शाम घटकर 31.06 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर घट रही है. मंगलवार को यहां का जलस्तर 28.08 मीटर था, जो 12 घंटे बाद बढ़ कर 27.83 मीटर हो गया है. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर 26.80 मीटर था, मंगलवार की शाम जलस्तर बढ़कर 26.64 मीटर हो गया. यह नदी आजमनगर व धबोल में भी घट रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 30.05 मीटर था. मंगलवार की शाम यहां का जलस्तर घटकर 29.85 हो गया. धबौल में इस नदी का जलस्तर 29.40 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर 12 घंटे के बाद शाम में घटकर 29.20 मीटर हो गया है.