पटना. नगर विकास एवं आवास विभाग ने राजधानी पटना की तरह 16 अन्य शहरों में भी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट (आरएफडी) के तहत नदियों के घाट विकसित करने की योजना बनायी है. इनमें पटना, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट पूरा हो गया है, जबकि दो शहरों कटिहार के मनिहारी और सारण में विकास कार्य को लेकर स्वीकृति मिल गयी है. समस्तीपुर और मुंगेर में नदी तट के विकास को लेकर डीपीआर तैयार हो रही है. इसके अलावा नौ अन्य शहरों में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट को लेकर संभाव्यता का अध्ययन किया जा रहा है. चिह्नित शहरों में पर्यटन की दृष्टि से संबंधित नदियों के आसपास फुटपाथ, रौशनी, पार्क सहित अन्य मनोरंजक सुविधाएं विकसित की जायेंगी.
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पटना के 16 घाटों पर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम पूरा होने के बाद तीन अन्य घाटों नौजर घाट, महावीर घाट एवं भद्र घाट पर भी 46.26 करोड़ की लागत से विकास कार्य को लेकर स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसकी निविदा प्रक्रियाधीन है. इसके अलावा कटिहार के मनिहारी में 12 करोड़ रुपये, जबकि सारण में घाघरा नदी पर बने अटल मांझी घाट के नदी तट को 10 करोड़ रुपये की लागत से रिवर फ्रंट के तहत डेवलप किये जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.
समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी अंतर्गत छह घाट एवं मुंगेर में गंगा नदी अंतर्गत चार घाट पर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की डीपीआर तैयार की जा रही है. इनके अतिरिक्त जिन नौ अन्य शहरों की नदियों को रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत विकसित करने की योजना बनायी गयी है, उनमें बेतिया, मधुबनी, वैशाली, किशनगंज, बेगूसराय, दानापुर, पूर्णिया और सीवान शामिल हैं.
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रिवरफ्रंट परियोजना के तहत पटना शहर में 5.7 किमी की लंबाई में 16 घाटों के किनारे 15 फुट चौड़ा पैदल पथ (सैरगाह) विकसित किया गया है. इसके अगल-बगल सजावटी स्ट्रीट लैंप, सार्वजनिक शौचालय, बड़ी संख्या में लोगों के बैठने के लिए बेंच और ग्रीन कवर की सुविधाएं दी गयी है. इस सुंदर सैरगाह पर लोग घूमते हैं, योग करते हैं. पटना विवि के छात्र यहां पर आराम और अध्ययन करने पहुंचते हैं. इसे सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए डॉल्फिन सूचना केंद्र का प्रावधान किया गया. यह क्षेत्र लोगों को सीवेज रोकने सहित पर्यावरण को स्वच्छ रखने के प्रति जागरूकता फैलाने का भी काम करता है.