भागलपुर. गंगानदी का जलस्तर बढ़ते ही जहाज परिचालन के लिए नये रूट फिर से बन गये हैं. शहर के बरारी पुल घाट, मायागंज स्थित विसर्जन घाट पर पेट्रोलिंग करने वाले जहाज का ठहराव होने लगा है. इसकी मुख्य वजह बरारी पुल घाट से उत्तर दिशा में राघोपुर के महादेवपुर घाट तक की नहरनुमा धार में तेज गति से पानी बह रहा है.
तीन साल पहले तक इस नहरनुमा गंगा नदी के चैनल में पानी का बहाव सालों भर रहता था. लेकिन गाद और बालू के जमाव के कारण नदी के इस मार्ग पर बरसात के बाद धारा का बहाव बंद हो रहा है. इस कारण जहाजों को शहर के गंगाघाट तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है.
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट से वाराणसी तक जहाजों से माल ढुलाई की जा रही है. लेकिन शहर के सभी गंगातटों पर बारिश के बाद पानी का बहाव बंद होने से शहर में जहाजों का ठहराव नहीं हो रहा है.
प्राधिकरण से मिली सूचना के अनुसार भागलपुर के अलावा सुल्तानगंज से नाथनगर के बीच दक्षिणी तट पर इस समय जहाज परिचालन की आदर्श स्थिति बन रही है. कोशिश होगी की बारिश के दौरान इन रास्तों पर जमे गाद को ड्रेजिंग के माध्यम से हटाये जाये.
गंगानदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण सुल्तानगंज के जहाज घाट में नमामि गंगे योजना से बनकर तैयार हुए रीवर फ्रंट की खूबसूरती और बढ़ गयी है. एक दो माह में रीवर फ्रंट का शेष काम भी पूरा कर लिया जायेगा. लाल पत्थर व स्टील के बने बैरिकेड को मिलाकर तैयार रीवर फ्रंट को देखने शहर के लोग यहां पहुंच रहे हैं.
आमलोगों खासकर युवाओं के यह एक सेल्फी प्वाइंट बन गया है. यह रीवर फ्रंट 120 मीटर लंबा है. यहां पर श्रावणी मेले के दौरान कांवरियों को जल भरने में काफी सहूलियत होगी. हालांकि कोरोना काल को देखते हुए इस बार भी मेला आयोजन पर ग्रहण की आशंका है. बावजूद शहर के लोग रीवर फ्रंट के तैयार होने से काफी खुश हैं.
Posted by Ashish Jha