भागलपुर: जिले में गंगा नदी व कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. बुधवार दो बजे जल संसाधन विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार भागलपुर शहर व आसपास के इलाके में गंगानदी के जलस्तर में 21 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई. वहीं नवगछिया अनुमंडल से सटकर बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला में 19 सेंटीमीटर बढ़ कर 29.19 मीटर पर पहुंच गया. गंगानदी का जलस्तर बढ़ कर 31.65 मीटर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे है.
वहीं, कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 81 सेंटीमीटर नीचे है. इधर भागलपुर शहर से सटे गंगानदी के दियारा का अधिकांश हिस्सा बाढ़ में डूब गया है. इससे यहां खेतीबारी व पशुपालन करनेवाले किसानों का पलायन शुरू हो गया है. पशुओं को खिलाने के लिए चारे की दिक्कत होने लगी है.
गंगानदी से सटे मायागंज, खंजरपुर, कुप्पाघाट में रहनेवाले पशुपालकों के पास करीब 500 से अधिक भैंस हैं. वहीं इतनी ही संख्या में बकरियां हैं. इनके चारे के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. वहीं कुछ पशुपालक अपनी भैंसों को दियारे में चराने के लिए ले जा रहे हैं. विसर्जन घाट में अपने कई भैंस को दियारा से सुरक्षित निकालकर आये श्याम कुमार ने बताया कि मवेशियों को खिलाने के लिए चारे की दिक्कत हो गयी है. दियारे पर सैकड़ों एकड़ चारागाह में पानी फैल गया है
नाथनगर व शहर से सटे दियारे पर शंकरपुर चवनियां, दिलदारपुर, बिंदटोला, रत्तीपुर, बैरिया, मोहनपुर, अमरी विशनपुर समेत अन्य गांवों के मुहाने पर बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. इन गांवों में बसे सैकड़ों परिवार अपने बच्चों, मवेशी व अनाज को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी करने लगे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बैरिया धार होकर गंगानदी का पानी तेज गति से बूढ़ानाथ व मानिक सरकार घाट के पास प्रवेश कर रहा है.
गोराडीह. प्रखंड क्षेत्र के बहियार में गंगा पानी का फैलाव शुरू हो गया है. पूर्वी क्षेत्र के लगभग बहियार में गंगा पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है. बीते एक माह में नाम मात्र की बारिश होने से क्षेत्र अंतर्गत नाम मात्र ही धान की रोपनी हो सकी है. वर्षा आधारित धान की खेती पानी के अभाव में नहीं हो सकी है. अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, ऐसे में किसानों में त्राहिमाम का स्थिति बनी हुई है.