पटना. भारत-नेपाल बॉर्डर के पास रक्सौल स्थित मैत्री पुल पर सघन वाहन जांच अभियान के दौरान एसएसबी ने गैंगस्टर शाकिर रेजा उर्फ आसिफ अली को दबोचा है. मोस्ट वांटेड आसिफ अली पर नेपाल में पाकिस्तानी फंडिंग करने वाले और भारत में हवाला का पैसा पहुंचाने का आरोप है. आसिफ के खिलाफ भारत और नेपाल में कई मामले दर्ज है. वह फिर नेपाल भागने के फिराक में था. इसके पास से 12 अलग-अलग पहचान पत्र बरामद किया गया, जिसमें दो आईडी में उसका नाम शाकिर रेजा लिखा हुआ है, जबकि अन्य पहचान पत्रों में आसिफ अली नाम लिखा हुआ है. आसिफ अली कटिहार के कदवा थाना क्षेत्र के शाहनगर कुजीबाना गांव का निवासी है.
पुलिस की पकड़ से पहले भाग जाता था नेपाल
मोस्ट वांटेड आसिफ अली की पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी. वह भारत और नेपाल के जेलों में सजा भी काट चुका है. वह अक्सर भारत से नेपाल जाया करता था. जब भी उसे पुलिस का खतरा लगता वो नेपाल भाग जाता और कुछ दिन बाद फिर भारत चला आता था. उसके पीछे पुलिस और जांच एजेंसियां हाथ धोकर पड़ी हुई थी. उसे पकड़ने के लिए कई बार जाल बिछाया गया, लेकिन वह हर पर निकल पड़ता था, लेकिन इस बार चलाए जा रहे सघन जांच अभियान के दौरान उसे एसएसबी के जवानों ने धड़ दबोचा.
भारत नेपाल सीमा पर चल रहा था सघन जांच अभियान
मिली जानकारी के अनुसार एसएसबी 47वीं बटालियन के मानव तस्करी रोधक इकाई बेतिया के इंस्पेक्टर मनोज शर्मा के नेतृत्व में जवान भारत नेपाल सीमा पर सघन जांच अभियान चला रहे थे. इसी दौरान शाकिर अली को नेपाल में प्रवेश करने के दौरान जवानों ने रोका तो वह भागने का प्रयास करने लगा. जिसके बाद एसएसबी जवानों ने उसे दबोच लिया.
12 पहचान पत्र मिला
उसकी तलाशी के दौरान दो नामों से 12 पहचान पत्र मिला. साथ ही उसके पास से आठ सिम कार्ड और तीन मोबाइल बरामद हुआ है. लोकेशन चेंज करने पर वह मोबाइल और सिम बदल लेता था. एसएसबी ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसकी सच्चाई सामने आई. इसी आधार पर एसएसबी ने भारत नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी. इसी दौरान बीते शाम शाकिर रेजा को नेपाल जाने के दौरान मैत्री पुल पर एसएसबी चेक पोस्ट के जवानों ने दबोच लिया. रेजा को पूछताछ के बाद एसएसबी ने हरैया थाना को सौंप दिया है.
पकड़ने को लगाये थे आधा दर्जन नाका
एसएसबी, 47वीं बटालियन के इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने कहा कि सूचना मिली थी शाकिर रजा उर्फ आसिफ अली नेपाल भागने के फिराक में है. इसे पकड़ने के लिए हमारी टीम ने तकनीकी और सर्विलांस के आधार पर आधा दर्जन नाका लगाए थे. इसे मैत्री पुल से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि गैंगस्टर शाकिर रेजा उर्फ आसिफ अली पर आरोप है कि वो नेपाल में पाकिस्तानी फंडिंग करता था. वहीं हवाला के पैसे को भारत पहुंचाना उसके ही जिम्मे था. आसिफ हवाला के आरोप में नेपाल के जेलों में और दूसरे कई मामलों में भारत की जेलों में सजा भी काट चुका है.
हवाला के पैसे को पहुंचाता था भारत
उन्होंने बताया कि आसिफ अली के ऊपर विभिन्न थाना क्षेत्रों में दस अलग-अलग मामले दर्ज हैं. शाकिर रेजा पर नेपाल में पाकिस्तान से हवाला के माध्यम से रुपया के लेन देन का भी आरोप है. स्थानीय पुलिस समेत कई भारतीय एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही है. रेजा कई बार जेल भी जा चुका है. वैसे नेपाल में जब उसकी खोज होती थी तो वह नेपाल से भाग कर भारत आ जाता था. फिर भारत में गिरफ्तार होने का खतरा होने पर वह नेपाल भाग जाता था.
विदेशी नंबरों से चला रहा था व्हाट्सएप
दरअसल,गिरफ्तार शाकिर रेजा उर्फ आसिफ अली विदेशी नंबरों से व्हाट्सएप चला रहा था. वह अलग-अलग मोबाइल और सिम इस्तेमाल कर अपना लोकेशन बदलता रहता था, जबकि उसके सभी नंबरों को एजेंसियों ने सर्विलांस पर रखा था. बावजूद इसके शाकिर के लोकेशन को पता लगाने में काफी परेशानी हो रही थी. शाकिर की पीछे कई महिनों से एजेंसियां पड़ी हुई थीं. एसएसबी भी उसके टोह में लगी थी. रक्सौल के रास्ते बराबर वह आता-जाता था. बावजूद इसके वह एसएसबी के अलावा सीमा पर तैनात एजेंसियों को चकमा दे रहा था. फिर एसएसबी रक्सौल ने तीन विभिन्न इलाकों कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा, जिनसे पूछताछ के बाद शाकिर के आने के बारे में कुछ इनपुट मिला था.