पटना जिले में पंचायतों में स्वच्छता को लेकर घरों से कलेक्शन हो रहे कचरे का निष्पादन हो रहा है. पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट बना कर कचरा का निष्पादन किया जा रहा है. विभिन्न पंचायतों में 41 कचरा प्रोसेसिंग यूनिट बन कर तैयार है. इसमें सबसे अधिक पंडारक प्रखंड में पांच व मनेर प्रखंड में चार कचरा प्रोसेसिंग यूनिट कार्यरत है.
कचरे के निष्पादन के लिए 89 कचरा प्रोसेसिंग यूनिट विभिन्न पंचायतों में तैयार हो रहा है. इसमें अधिकतर यूनिट में 15 जून तक कचरा निष्पादन होगा. कचरा प्रोसेसिंग यूनिट में कचरे की छंटाई की जाती है. सूखे कचरे को छांट कर अलग किया जाता है. गीला कचरा से कंपोस्ट बनाने का काम हो रहा है.
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत गांवों में सूखा व गीला कचरा प्रबंधन के तहत काम हो रहा है. कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि से हो रहा है. पटना जिले में 309 पंचायतों में 162 पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट के लिए जगह चिह्नित हुई है. इसमें 41 जगहों पर कचरा प्रोसेसिंग यूनिट बना कर उसका जीयो टैग किया गया है.
पटना जिले की अलग-अलग पंचायतों में 89 जगहों पर प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण हो रहा है. इसमें धनरूआ प्रखंड में सबसे अधिक 11, मनेर व पालीगंज में आठ-आठ, बाढ़ में छह व पटना सदर में पांच कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण किया जा रहा है.
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32 जगहों पर प्रोसेसिंग यूनिट के निर्माण के लिए जमीन का एनओसी नहीं मिला है. इसमें संबंधित प्रखंड के सीओ को जमीन चिह्नित कर एनओसी निर्गत करने के लिए कहा गया है. सूत्र ने बताया कि कचरा प्रोसेसिंग यूनिट के निर्माण के लिए पंचायतों में मुखियों को तेजी से काम करने को कहा गया है.