पटना की ग्राम पंचायतों में बनेगा कूड़ा प्रसंस्करण केंद्र, 48 ग्राम पंचायतों को नहीं मिली एनओसी
पटना जिले के दानापुर, बिहटा, बिक्रम, दनियावां, खुसरूपुर व मोकामा अंचल के अधिकांश ग्राम पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग केंद्र के निर्माण के लिए एनओसी नहीं मिला है. प्रोससिंग केंद्र के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करना है.
पटना जिला के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर पर उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रगति की समीक्षा की गयी. इसमें 67 ग्राम पंचायतों में से 48 ग्राम पंचायतों को सीओ द्वारा एनओसी नहीं दिया गया है. उप विकास आयुक्त ने सभी सीओ को चेतावनी के साथ 31 मार्च के पहले एनओसी निर्गत करने का निर्देश दिया.
कचरा प्रोसेसिंग केंद्र के निर्माण के लिए एनओसी नहीं मिला
पटना जिले के दानापुर, बिहटा, बिक्रम, दनियावां, खुसरूपुर व मोकामा अंचल के अधिकांश ग्राम पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग केंद्र के निर्माण के लिए एनओसी नहीं मिला है. प्रोससिंग केंद्र के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करना है. उप विकास आयुक्त ने जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी सीओ, सभी पंचायती राज पदाधिकारी, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा के साथ प्रखंड समन्वयक शामिल हुए.
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की समीक्षा
तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण में होने वाले काम को लेकर समीक्षा की गयी. इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निर्माण किए जाने वाले अपशिष्ट प्रसंस्करण केंद्र के निर्माण की समीक्षा हुई.
Also Read: हर घर नल का जल योजना: बिहार की 102 जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से कराया जाएगा एक्रेडिडेटेड
167 ग्राम पंचायतों में चल रहा स्वच्छता अभियान
पटना जिले के 309 ग्राम पंचायतों में से 167 ग्राम पंचायत में स्वच्छता का काम चल रहा है. शेष 142 ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट का प्रबंधन के कार्य करने का काम अगले वित्तीय वर्ष में होना है. प्रखंड स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट इकाई का प्रस्ताव जिला जल एवं स्वच्छता समिति में पारित किया गया. उप विकास आयुक्त तनय सुलतानिया ने बताया कि ग्राम पंचायत को स्वच्छ व सुंदर बनाना है. साथ ही लोगों के व्यवहार परिवर्तन कराते हुए कचरा के निष्पादन को लेकर जागरूक करना है.