Gaya: झांसी मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद जागा ANMMCH प्रशासन, निकास गेट को कराया साफ

Gaya: गया के एएनएमएमसीएच में शॉर्ट-सर्किट के चलते बिजली के तार में आग लगने की घटना कई बार हो चुकी है.

By Prashant Tiwari | November 17, 2024 10:56 PM

Gaya: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों के वार्ड एनआइसीयू में हुए हादसे के बाद यहां पर भी एएनएमएमसीएच में अस्पताल प्रशासन एनआईसीयू वार्ड का टोह लेने लगी है. यहां की व्यवस्था देख कर साफ तौर से लगता है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से इस वार्ड को सुरक्षित रखने के लिए कोई काम नहीं किया गया है. यहां पर सबसे ज्यादा खतरा बिजली के तार से है. अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि बार-बार यहां इस वार्ड में शॉट-सर्किट के मामले सामने आते हैं. हालांकि हर बार यहां तैनात कर्मचारियों की सजगता से हादसा टल जाता है. एएनएमएमसीएच के एनआइसीयू में 20 व पीआइसीयू में 15 बेड नवजातों के लिए हैं. 

पूरे अस्पताल में बिजली से जुड़ी व्यवस्था लचर

प्रमंडल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के चलते यहां पर प्रमंडल के अस्पतालों से नवजात को रेफर कर भेजा जाता है. इसके अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड से भी यहां नवजात इलाज को आते हैं. ऐसे देखा जाये, तो पूरे अस्पताल में ही बिजली से जुड़ी व्यवस्था लचर दिखती है. हाल में ज्वाइन किये अधीक्षक एक-एक कर व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हैं, लेकिन एकाएक सारी व्यवस्था का ठीक होना संभव नहीं दिखता है.

अग्निशमन विभाग दे चुका है चेतावनी

शॉर्ट-सर्किट के चलते बिजली के तार में आग लगने की घटना यहां कई बार हो चुकी है. अग्निशमन विभाग की ओर से भी यहां के बिजली तार पर हादसा होने की चेतावनी दे चुका है. यहां पर हर जगह आग बुझाने के लिए सिलेंडर लगाया गया है. लेकिन, आग नहीं लगे इसके लिए कोई ठोस उपाय यहां पर नहीं किया गया है. इसके चलते हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है. एनआइसीयू के बगल में ही स्टोर में एक बार आग लग चुकी है. इसके साथ ही एनआइसीयू में भी आग के चलते नवजात को दूसरी जगह पर शिफ्ट करना पड़ा था. अस्पताल की बिजली व्यवस्था पूरी तौर से लचर है.

प्रभावती में 13 बेड का एनआईसीयू

प्रभावती अस्पताल में 13 बेड का एनआईसीयू चलाया जाता है. यहां पर कुछ दिन पहले आग लगने की घटना हो चुकी है. नवजातों को मगध मेडिकल आनन-फानन में शिफ्ट करना पड़ा था. हालांकि, फिलहाल व्यवस्था चुस्त दिख रही है. अस्पताल प्रबंधक विमलेश कुमार ने बताया कि शॉर्ट-सर्किट की घटना के बाद हर स्तर पर वार्ड को दुरुस्त कर लिया गया है. अनहोनी की संभावना यहां पर किसी स्तर से नहीं है.

क्या कहते हैं अधीक्षक

एएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ केके सिन्हा ने बताया कि अस्पताल में तार बदलने के लिए टेंडर हो गया है. तार बदलने का काम जल्द शुरू हो जायेगा. अग्निशमन विभाग को ऑडिट कर जरूरत बताने के लिए पत्र दिया गया है. अब तक ऑडिट नहीं किया गया है. दोबारा पत्र विभाग को लिखा जा रहा है. इसके साथ ही पहले से बंद पड़े निकास गेट को खुलवा दिया गया है. हर वक्त किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए निगरानी रखी जा रही है. जल्द ही सारी व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जायेगा.

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