गया में बीइओ के बिगड़े बोल, शिक्षकों को बोला जातिसूचक शब्द, मामला हुआ गरम

गया में बीइओ पर गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल, बिहार में जातिगत राजनीतिक की चर्चा होती है. लेकिन, शिक्षा के मंदिर में शिक्षकों से अपने वरीय के द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता. लेकिन, ऐसा ही एक मामला मोहनपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय सिमरवार का है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2022 3:26 AM

गया में बीइओ पर गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल, बिहार में जातिगत राजनीतिक की चर्चा होती है. लेकिन, शिक्षा के मंदिर में शिक्षकों से अपने वरीय के द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता. लेकिन, ऐसा ही एक मामला मोहनपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय सिमरवार का है. जहां के शिक्षकों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के जातिसूचक शब्दों के रूप में बिगड़े बोल की शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम से की है.

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बालमुकुंद प्रसाद मोहनपुर प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. स्कूल निरीक्षण के दौरान गुरुवार को मध्य विद्यालय सिमरवार पहुंचे थे. जहां सभी शिक्षकों को छत पर बुला कर उनसे नाम पूछने के साथ जातिगत शब्दों का प्रयोग किया. साथ ही कहा कि (जातिसूचक शब्द) से कहीं राज्य चलता है. यहां तक कि क्लास में बच्चों के साथ इंटरेक्शन के दौरान भी बीइओ ने अपनी जुबान की मर्यादा नहीं रखी और उनसे बात करने के दौरान भी गाली का उच्चारण करते रहे. शिक्षकों ने बताया कि बीइओ पद की मर्यादा रखते हुए वहां कुछ नहीं बोला और क्लास में चले गये. लेकिन, अंदर ही अंदर अपमानित, घुटन व ग्लानी महसूस कर रहे थे. तीनों शिक्षकों ने बीइओ के स्कूल से जाते समय विनम्रता से आपत्ति जताते हुए कहा कि सर देश का संविधान निर्माता कौन है. आपका शब्द व्यवहार से हम व्यथित हैं.

जांच कर कार्रवाई की जायेगी

जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल का मामला काफी गर्म हो गया है. इसे लेकर गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने कहा कि बीइओ द्वारा शिक्षकों से जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने का मामला संज्ञान में आया है, विभागीय कार्य से जिला से बाहर हूं. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी खिलाफ आये मामले की जांच की जाएगी, जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. वहीं, मध्य विद्यालय सिमरवार के तीनों शिक्षकों ने अपने साथ मोहनपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने के मामले में डीइओ से एफआइआर करने के लिए इजाजत मांगी है.

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