गया में पिंडदान करने विदेशी महिलाएं भी आ रहीं बिहार, स्पेशल टूर पैकेज व इ-पिंडदान के बारे में जानें..
गया में पितृपक्ष मेले का शुभारंभ हो रहा है. गया में पिंडदान करने के लिए इस बार उपराष्ट्रपति और विदेशी मेहमान भी आ रहे हैं. वहीं बिहार सरकार की ओर से स्पेशल टूर पैकेज की सुविधा दी जा रही है. इ-पिंडदान की भी आप सुविधा ले सकते हैं. जानिए
Gaya pitrapaksha mela 2023: गया का पितृपक्ष मेला गुरुवार से शुरू हो रहा है. इसको लेकर बिहार पर्यटन विकास निगम ने देश- विदेश में रह रहे लोगों को पिंडदान के लिए सुविधा मुहैया कराने के लिए पितृपक्ष पैकेज टूर तैयार किया है. इसके तहत पांच तरह पैकेज टूर बनाये गये हैं. लेकिन अब तक केवल 14 लोगों ने इसकी बुकिंग करायी है. इनमें से अधिकतर पटना जिले के ही हैं. दूसरे राज्यों के सिर्फ चार व्यक्ति शामिल हैं. बुकिंग केवल पुनपुन व गया पैकेज टूर के लिए हुई है. वहीं इ-पिंडदान के लिए अब तक सिर्फ नीदरलैंड से एक पर्यटक ने बुकिंग करायी है. गया में गुरुवार को शाम चार बजे पितृपक्ष मेले का शुभारंभ किया जायेगा. गौरतलब है कि 28 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक मेले का आयोजन किया गया है, इस दौरान विभिन्न वेदियों पर तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे. अनुमान लगाया गया है कि इस बार 15 लाख लोग मेले में आयेंगे. वहीं अगर आप टूर पैकेज का लाभ लेना चाहते हैं तो वो भी ले सकते हैं.
बिहार सरकार टूर पैकेज की दे रही सुविधा..
आप बिहार सरकार के द्वारा जारी टूर पैकेज की भी सुविधा ले सकते हैं. तीर्थयात्रियों की सुविधा व सहायता के लिए बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 5 श्रेणियों में टूर पैकेज जारी किया है. टूर पैकेज के माध्यम से मुक्तिधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को प्रति तीर्थयात्री कम से कम 11 हजार 250 रुपए व अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए अधिकतम 21 हजार 100 रुपए प्रतियात्री अग्रिम भुगतान करना होगा. ये भुगतान कॉरपोरशन के पास करना है. टूर पैकेज में एक यात्री, दो यात्री व एक सूमह में आने वाले चार तीर्थ यात्रियों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है.
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इ-पिंडदान का जानिए तरीका..
इ-पिंडदान के लिए तीर्थयात्रियों को ब्राह्मण दक्षिणा, कर्मकांड की वीडियो रिकॉर्डिंग समेत आवासन, भोजन, पूजन सामग्री, यातायात और अन्य सभी सुविधाओं के लिए प्रति तीर्थयात्री 23,000(तेइस हजार) रुपए भुगतान करने होंगे. इन सुविधाओं को www.bstdc.bihar.gov.in या bstdc@gmail.com के माध्यम से संपर्क करके दे सकते हैं.
फल्गु तीर्थ जाकर तर्पण करने का महत्व..
वायुपुराण में कहा गया फल्गु तीर्थ सभी तीर्थों से श्रेष्ठ होने से सर्व प्रथम फल्गु तीर्थ जाकर तर्पण श्राद्ध करना चाहिए. वहां श्राद्ध करने से पितरों की मुक्ति तथा करने वालों का तरण होता है. ब्रह्मा जी की प्रार्थना से भगवान विष्णु फल्गु रूप धारण किये. दक्षिणाग्नि में ब्रह्मा जी के द्वारा हवन किये जाने पर फल्गु तीर्थ की उत्पति हुई. अखिल ब्रह्मांड में जितने भी तीर्थ हैं, वे सब देवताओं के साथ फल्गु तीर्थ में नित्य स्नान करने आते हैं.
उपराष्ट्रपति व विदेशी मेहमान करेंगे तर्पण..
भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ शुक्रवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में पिंडदान करेंगे. वहीं विदेश से भी लोग पिंडदान करने के लिए गया पहुंचे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस व युक्रेन की 49 महिलाएं पिंडदान व श्राद्ध कर्म करने गया पहुंच रही हैं. इनमें रूस की तीन दर्जन महिलाएं जबकि एक दर्जन से अधिक युक्रेन की महिलाएं शामिल हैं. गया इस्कॉन के प्रचारक इन्हें कर्मकांडीय अनुष्ठान कराएंगे. पूर्वजों की पूजा, व तर्पण करके उनकी मुक्ति के लिए विदेशी श्रद्धालु गयाजी पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि अफ्रीका, इंग्लैंड व अमेरिका की महिलाएं भी पिंडदान के लिए आने वाले हैं.
इ-पिंडदान कैसे करते हैं..
इ-पिंडदान स्थानीय स्तर पर एक प्रतिनिधि रखकर कराया जाता है. पिंडदान से जुड़े सामान की खरीदारी, पिंडदान व कर्मकांड समेत अन्य सभी काम की वीडियोग्राफी करवाकर कॉरपोरेशन के माध्यम से पिंडदान कराने वाले तीर्थयात्री के पासे इसे भेज दी जाती है. इस कर्मकांड के लिए किसी को भी प्रतिनिधि बनवाया जा सकता है. इसकी जानकारी इ-पिंडदान पैकेज के अधिकृत पंडा सुनील कुमार ने दी.