नीति आयोग ने देश के अल्पविकसित 112 आकांक्षी जिलों के लिए चैंपियन ऑफ चैंज डेल्टा रैंकिंग जारी की है. ओवर ऑल परफाॅर्मेंस वाले टॉप पांच जिलों में गया देश में दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर हरियाणा का मेवात, तीसरे स्थान पर असम का बारपेटा, चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़ के नारायाणपुर और पांचवें स्थान पर झारखंड का रामगढ़ है. वहीं, शिक्षा के क्षेत्र के भी टॉप-पांच जिलों की घोषणा की गयी है. इसमें टॉपपांच जिलों में बिहार के दो जिले हैं. इनमें शेखपुरा पहले और पूर्णिया तीसरे स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर बारपेट, चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश का बहराइच और पांचवें स्थान पर झारखंड का गिरिडीह रहा है. केंद्र सरकार आंकाक्षी जिलों को विकसित करने के लिए विशेष फंड देती है.
बिहार के 13 जिले देश के आकांक्षी जिलों की सूची में
वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर,सीमामढ़ी और नवादा शामिल हैं. केंद्र की इस घोषणा से बिहार के इन 13 जिलों के प्रखंडों में विशेष सहायता मिलती है. इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जलसंधान, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है.
61 आकांक्षी प्रखंड भी किये गये हैं घोषित
केंद्र सरकार ने देशभर में 500 आकांक्षी प्रखंडों की घोषणा की है उसमें 61 आकांक्षी प्रखंड बिहार के भी हैं.केंद्र राज्य सरकार की मदद से विशेष कार्यक्रम चलायेगी.राज्य के 13 आकांक्षी जिलों(एडी) के भी प्रखंडों का चयन इस कार्यक्रम के तहत किया गया है. जिलों में भागलपुर और कैमूर जिलों के सर्वाधिक 5-5 करके के 10 प्रखंड,बेगूसराय के 4,मुंगेर के 4, जमुई के 4, औरंगाबाद और गया के 4-4 प्रखंड हैं. वहीं, भोजपुर,कटिहार और बांका के तीन-तीन प्रखंड के नाम शामिल हैं.