Gaya वासियों के लिए खुशखबरी, PNG गैस की सप्लाइ प्रोजेक्ट पर चल रहा है काम, सुरक्षा मानकों पर जोखिम कम
पीएनजी गैस की सप्लाइ प्रोजेक्ट के तहत Gaya व नवादा में पाइप लाइन बिछाने का कामकिया जा रहा है. सुरक्षा मानकों पर जोखिम कम होने का दावा है.
गया. गया में भी लोगों के किचन तक पाइप से घरेलू गैस सप्लाइ की कवायद शुरू हो गयी है. एलपीजी (लिक्विड पेट्रोलियम गैस) के बजाय घरों में पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) की सप्लाई की जायेगी. इसके लिए गया में पाइप लाइन बिछाने व उपयोग के लिए ग्राहकों से बुकिंग भी शुरू कर दी गयी है. स्टील पाइप लाइन बिछाने का काम इंडियन ऑयल अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है.
पहले फेज के तहत 4 हजार कनेक्शन का लक्ष्य
इंडियन ऑयल अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड के भौगोलिक हेड लोकेश कुमार ने बताया कि जगदीशपुर-हल्दिया मेन गैस पाइप लाइन से गया तक 9.5 किमी स्टील पाइप लाइन व गया शहर में 30 किमी एमडीपीइ पाइप लाइन बिछाया गया. इसके तहत मानपुर के खटांगी, ग्रीन बिहार फेज वन, नारायण नगर, लखीबाग में एमडीपीइ पाइप लाइन बिछाया गया है. मंगलवार से ग्राहकों से बुकिंग की शुरुआत की गयी. मानपुर के खटांगी कोठी में चार ग्राहकों का बुकिंग के तहत रजिस्ट्रेशन किया गया. गया में पहले फेज के तहत चार हजार कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है. पीएनजी गैस घरों में प्रयुक्त एलपीजी की तुलना में काफी किफायती है.
घरेलू गैस के लिए ₹2118 में कनेक्शनघरेलू गैस पीएनजी के लिए कंपनी ने कनेक्शन के लिए प्लान ए व प्लान बी निर्धारित किया है. प्लान बी के तहत ग्राहकों को ₹2118 का चेक या डीडी के माध्यम से भुगतान करना होगा. वहीं प्लान बी के तहत वन टाइम पेमेंट ₹7118 देना होगा. कंपनी के अफसरों ने बताया कि भुगतान के तीन महीने के अंदर गैस आपूर्ति ग्राहकों के घरों में शुरु कर दी जायेगी.
एलपीजी से हल्की है पीएनजी
कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि किचन में गैस चूल्हा तक सप्लाइअ से पहले तीन से चार सेफ्टी वॉल्व होकर गैस को गुजरना होगा. सेफ्टी वॉल्व को जरूरत पड़ने पर बंद व ओपेन कर गैस को नियंत्रित किया जा सकता है. जो सेफ्टी व्यू से काफी उपयोगी होगा. वहीं गैस मीटर से गैस उपयोग की जानकारी भी मिलेगी. एलपीजी की तरह सिलेंडर भराने व खाली होने की समस्या दूर होगी. वहीं, कंपनी के अफसरों ने बताया कि एलपीजी से हल्की होने के कारण पीएनजी गैस हवा में तेजी से फैलती है. कमरे में वेंटिलेशन होने पर उससे तेजी से बाहर निकल जाती है. गैस का यह गुण आग लगने की संभावना को काफी कम करता है.