त्रिवेणी शर्मा के निधन पर प्रलेस का शोक
गया: वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता, लेखक व कवि त्रिवेणी शर्मा सुधाकर के निधन पर प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को गांधी मंडप में शोकसभा आयोजित हुई. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सुधाकर जी छात्र जीवन से ही आजीवन राजनीतिक व सांस्कृतिक आंदोलनों में सक्रिय रहे. स्वामी सहजानंद […]
गया: वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता, लेखक व कवि त्रिवेणी शर्मा सुधाकर के निधन पर प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को गांधी मंडप में शोकसभा आयोजित हुई.
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सुधाकर जी छात्र जीवन से ही आजीवन राजनीतिक व सांस्कृतिक आंदोलनों में सक्रिय रहे. स्वामी सहजानंद सरस्वती के निजी सचिव रह चुके सुधाकर जी नौजवान संघ के संगठनकर्ता, किसान आंदोलन के सक्रिय नेता व कई पुस्तकों के रचनाकार भी थे. 2001 से 2007 तक वह गया जिले के प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष रहे. उनकी संकलित चीजों का इस्तेमाल किसान आंदोलन के शोधकर्ताओं ने अपने पत्रों में किया है.
उनकी प्रकाशित रचनाएं फूल व शूल, जागा हिंदुस्तान, शंखनाद, महंगी तरंग, मगही लहर, मगही धारा (कविता संग्रह) भारतीय राजनीति और विद्यार्थी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी: संघर्ष के बढ़ते कदम, कार्ल मार्क्स, शहीद भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी सहजानंद सरस्वती व पंडित यदुनंदन शर्मा की जीवनियां आदि हैं. मौके पर प्रलेस के जिला सचिव हरेंद्र गिरि शाद, परमाणु कुमार, कुमार कांत, फैयाज हाली, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, डॉ अफसह जफर, डॉ मन्नान अंसारी, डॉ कृष्ण कुमार सिंह, मसूद मंजर, पूनम कुमार, अरुण कुमार, नीतू सिंह, फिरदौस गयावी, सत्येश मिश्र, प्रिंस कुमार, डॉ पप्पू तरुण, निधि विनोबा आदि शामिल थे. उधर, राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भवन में सोमवार को ट्रेड यूनियन व समन्वय समिति के तत्वावधान में जिले के किसान-मजदूर नेता कॉमरेड त्रिवेणी शर्मा सुधाकर के निधन पर शोकसभा की. सभा में किसान नेता रवींद्र प्रसाद सिंह व श्याम लाल प्रसाद ने कहा कि सुधाकर ने जीवन भर किसानों के लिए संघर्ष किया. इस मौके पर मौजूद किसान नेताओं ने दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.