व्यापार बन गयी है राजनीति

गया: देश में राजनीति पूरी तरह से व्यवसाय बन चुकी है. चुनाव लड़ने के लिए घर-जमीन तक गिरवी रखे जा रहे हैं. बैंक से लोन लेने तक की भी बात हो रही है. महंगी पूंजी राजनीति में लगायी जा रही है. भारतीय लोकतंत्र में एक विचित्र स्थिति पैदा हुई है. यह मानना है शहर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2014 8:46 AM

गया: देश में राजनीति पूरी तरह से व्यवसाय बन चुकी है. चुनाव लड़ने के लिए घर-जमीन तक गिरवी रखे जा रहे हैं. बैंक से लोन लेने तक की भी बात हो रही है. महंगी पूंजी राजनीति में लगायी जा रही है.

भारतीय लोकतंत्र में एक विचित्र स्थिति पैदा हुई है. यह मानना है शहर के व्यवसायियों का. प्रभात खबर कार्यालय में लोकसभा चुनाव को लेकर आयोजित एक परिचर्चा में व्यवसायियों ने कहा कि सर्वविदित है कि व्यवसाय में निवेश सिर्फ निजी हित के लिए किया जाता है. आसानी से समझा जा सकता है कि राजनीति में पूंजी निवेश कर सत्ता हासिल करने वाले देश का कितना भला कर सकेंगे.

राजनीति में प्रवेश के लिए हो एक मानक
परिचर्चा में व्यवसायियों ने कहा कि देश में किसी भी संस्थान में प्रवेश के लिए कुछ मानक तय होते हैं. एक संस्थान के सबसे निम्न पद पर काम करने के लिए भी व्यक्ति को अपनी योग्यता साबित करनी होती है. तो फिर राजनीति में प्रवेश के लिए मानक क्यों नहीं होना चाहिए? देश के सबसे बड़े संस्थान (संसद) के जरिये देश की दशा-दिशा तय होती है. वहां भी प्रवेश पाने के लिए मापदंड तय होने चाहिए. लेकिन, राजनीति में ऐसा नहीं है. यह हास्यास्पद और चिंता का विषय भी.

समान व सरल हो टैक्स नीति
राजनीति के इतर व्यवसायियों ने कई अन्य मुद्दों पर भी बात की और महत्वपूर्ण सुझाव दिये. चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डीके जैन और ट्रांसपोर्टर श्याम किशोर शर्मा ने समान व सरल टैक्स नीति पर अपनी बात रखी. उनके अनुसार, हर व्यवसाय में टैक्स की प्रक्रिया को सरल होनी चाहिए. इससे अधिक राजस्व भी मिलेगा और जटिलता कम होने पर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. व्यवसायियों ने माना कि देश में टैक्स लेने की व्यवस्था को इसलिए जटिल बनाये रखा गया है, ताकि भ्रष्टाचार की गुंजाइश बनी रहे.

Next Article

Exit mobile version