बेलागंज में छह अवैध नर्सिंग होम की जांच
गया : जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार की शाम बेलागंज में छह नर्सिंग होम की जांच की. इसमें सूर्या नर्सिंग होम,मगध ट्राॅमा अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, जनता नर्सिंग होम, सत्यम नर्सिंग होम, जय मां काली सेवा अस्पताल, दिल्ली चैरिटेबल अस्पताल व ट्राॅमा सेंटर शामिल है. अधिकारियों द्वारा जांच किये जाने की सूचना मिलने पर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 30, 2017 6:06 AM
गया : जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार की शाम बेलागंज में छह नर्सिंग होम की जांच की. इसमें सूर्या नर्सिंग होम,मगध ट्राॅमा अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, जनता नर्सिंग होम, सत्यम नर्सिंग होम, जय मां काली सेवा अस्पताल, दिल्ली चैरिटेबल अस्पताल व ट्राॅमा सेंटर शामिल है. अधिकारियों द्वारा जांच किये जाने की सूचना
मिलने पर चार नर्सिंग होम के मालिक व कर्मचारी फरार हो गये. केवल दो ही अस्पताल जनता नर्सिंग होम व दिल्ली चैरिटेबल अस्पताल व ट्राॅमा सेंटर खुले थे. हालांकि यहां भी कोई कर्मचारी नहीं था. कुछ एक मरीज थे जो इलाज कराने आये थे. जांच टीम में एसीएमओ डाॅ केके मिश्र, बेलागंज सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ फिरोज आलम, थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह आदि शामिल थे. अधिकारी इन सभी की रिपोर्ट तैयार कर आयुक्त कार्यालय को सौंप देंगे.
कर्मचारियों की सांठ-गांठ से चलता है धंधा
शिकायतकर्ता महेश शर्मा ने बताया कि बेलागंज में चल रहे यह सभी अवैध नर्सिंग होम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कुछ कर्मचारियों की सांठ-गांठ से चलता हैं. उन्होंने बताया कि यहां तैनात तीन एएनएम की इसमें मिली भगत है. यह लोग पीएचसी में आने वाले मरीजों को इन प्राइवेट नर्सिंग होम में भेज देते हैं. यहां से इनका कमिशन तय होता है. उन्होंने बताया कि तीनों एएनएम के खिलाफ भी उन्होंने शिकायत की है. रोगी कल्याण समिति की ओर से भी तीनों को हटाये जाने की बात हुई थी,लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
आयुक्त ने जतायी थी नाराजगी
प्रमंडलीय आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने बेलागंज में अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम की शिकायत को लेकर सुबह ही नाराजगी जाहिर की थी. बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता महेश शर्मा ने आयुक्त को बताया कि शिकायत के बावजूद अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ आंशिक कार्रवाई हुई है. 15 अवैध नर्सिंग होम में से केवल छह के खिलाफ एफआइआर किया गया है, वह भी बंद नहीं है. इन सभी का कारोबार जारी है. आयुक्त ने इस पर नाराजगी जाहिर की व तुरंत ही अागे की कार्रवाई शुरू करने को कहा. इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी हरकत में आये.