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आदित्य की मां का छलका दर्द, कहा- रॉकी को न मिले फांसी, बेटा खोने का दर्द जानती हूं मैं

गया : आदित्य हत्याकांड में रॉकी समेत चार आरोपितों को दोषी करार दिये जाने पर उसकी मां चांद सचदेवा ने संतोष जताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी लोगों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिले, लेकिन फांसी नहीं. क्योंकि एक बेटे को खोने का दर्द मैं बखूबी जानती हूं. आदित्य को खोने के बाद जिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 11:54 PM

गया : आदित्य हत्याकांड में रॉकी समेत चार आरोपितों को दोषी करार दिये जाने पर उसकी मां चांद सचदेवा ने संतोष जताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी लोगों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिले, लेकिन फांसी नहीं. क्योंकि एक बेटे को खोने का दर्द मैं बखूबी जानती हूं. आदित्य को खोने के बाद जिस पीड़ा को मैंने झेला है, वह एक मां ही समझ सकती है. ऐसे में मैं नहीं चाहती हूं कि एक और मां भी इस पीड़ा को झेले. एक बेटा, जो किसी भी मां का अरमान होता है, उसके इस तरह से चले जाने का दर्द ताउम्र झेलना है. जिस बेटे को देख कर मेरी सुबह होती थी, वह अब नहीं रहा. अब जो करना है, न्यायपालिका को करना है. छह सितंबर को गया न्यायालय में इस मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई होनी है, ऐसे में न्यायपालिका को एक ऐसा फैसला देना चाहिए, जो देश में मिसाल बने. मेरी तरह कोई भी मां इस घटना से नहीं गुजरे, ऐसा कानून बनाया जाये. उन्होंने कहा कि जो दुख इस घटना से उन्हें मिला है, उसका कोई इलाज नहीं.

पिता श्याम सचदेवा व मां चांद सचदेवा ने कहा कि राज्य सरकार ने हमसे जो वादा किया था, वह आज इस फैसले के साथ पूरा हो गया है. इस फैसले के आगे मैन व मनी पावर हार गया है. इस फैसले से आदित्य को इंसाफ मिल गया है, पर वह लौट कर तो नहीं आनेवाला है. आदित्य की हत्या से हम सब पूरी तरह से टूट गये थे, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. हर दिन पहाड़ जैसा था. प्रेस, पुलिस के अलावा हर वर्ग के लोगों का घरों पर आना-जाना लगा रहता था. कई बार ऐसे हालत भी बने, जब लगा कि क्या आम आदमी को इंसाफ मिल पायेगा. लेकिन, जब मीडिया व जिला प्रशासन का साथ मिला, तो लगा कि हमें जरूर इंसाफ मिलेगा. नीतीश कुमार घर आये और भरोसा दिलाया कि सरकार इस केस को लड़ेगी और उनके साथ न्याय होगा. उन्होंने मेरे हाथ में हाथ रख कर यह वादा किया था.

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