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गया : …जब NSG कमांडों ने कहा, सिर्फ फौज नहीं, आतंकवाद के खिलाफ जंग सबकी
गया : अखिल भारतीय आतंक विरोधी अभियान का जत्था रविवार काे अफसर ट्रेनिंग एकेडमी (आेटीए) पहुंचा. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के 32 कमांडो का समूह जो बीते सात सितंबर को गुड़गांव स्थित अपने हेडक्वार्टर मानेसर से 40 दिन की यात्रा पर निकला है. 13 राज्याें का दाैरा करते हुए यहां पहुंचा है. आेटीए के ग्राउंड […]
गया : अखिल भारतीय आतंक विरोधी अभियान का जत्था रविवार काे अफसर ट्रेनिंग एकेडमी (आेटीए) पहुंचा. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के 32 कमांडो का समूह जो बीते सात सितंबर को गुड़गांव स्थित अपने हेडक्वार्टर मानेसर से 40 दिन की यात्रा पर निकला है.
13 राज्याें का दाैरा करते हुए यहां पहुंचा है. आेटीए के ग्राउंड पर पहुंचने पर ओटीए के अधिकारियाें के अलावा एनएसजी के आइजी (ट्रेनिंग) विपिन बख्शी (विशिष्ट सेवा मेडल) ने उनका स्वागत किया. उन्हाेंने बताया कि 32 कमांडाे का यह समूह अपने हेडक्वार्टर से आतंक विराेधी अभियान यात्रा की शुरुआत कर अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, काेलकाता व झारखंड हाेते गया पहुंचा है. यहां से वाराणसी हाेते दिल्ली के रास्ते पुन: हेडक्वार्टर पहुंचेगा. उन्हाेंने कहा इसका उद्देश्य आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को एक सामूहिक दायित्व के तौर पर लोगों तक पहुंचाना है. आतंकवाद के खिलाफ जंग में सबकी है.
अकेली फौज की नहीं. आंतकवादियाें के लिए काेई फ्रंट लाइन नहीं है, काेई बार्डर नहीं है. वे कहीं से भी आतंक फैला सकते हैं. इसलिए जरूरत है हमेशा तैयार रहने की व उनकी पहचान कर उसे मिटाने की. काेई उसे पनाह न दे, संरक्षण न दे. यह देशहित में नहीं है.
इसी में हम सबका भला है. सुरक्षा तंत्र, पुलिस हर जगह तैनात नहीं रह सकती. ऐसे में जरूरी है देशहित में सभी ऐसे तत्वाें की पहचान करें. विधि-व्यवस्था काे बनाये रखने में स्थानीय पुलिस व लाेगाें का साथ जरूरी है. आर्मी या किसी भी फाेर्स में भर्ती हाे रहे कैडेट्स से आह्वान करते हुए कहा कि फाेर्स क्याें ज्वाइन करते हैं, इसके उद्देश्याें काे बारीकी से समझना हाेगा. हमें देश सेवा से इतर काेई आैर चीज प्यारी नहीं. मिशन सही दिशा में हाे, यह आपकाे तय करना है.
श्री बख्शी ने कहा कि इंडियन आर्मी से बेहतर दुनिया की काेई सैन्य शक्ति नहीं. इस माैके पर एनएसजी की अभियान यात्रा टीम के लीडर मनाेज कुमार ने आेटीए कमांडेंट आरके जग्गा का संदेश पढ़कर सुनाया व उनकी आेर से सभी कमांडाे काे बधाई दी. मनाेज कुमार ने बताया कि 32 दिनाें की यात्रा कर वे यहां पहुंचे हैं. उनकी टीम के अलावा अभियान यात्रा में 12 सहयाेगी स्टाफ भी हैं. श्री कुमार ने बातचीत के दाैरान बताया कि वे जहां भी रुके लाेगाें से आतंकवाद पर बातें की.
सभी ने सकारात्मक जवाब दिया. मदद करने काे कहा. यह अभियान एक शुरुआत है, लाेगाें के बीच जागरूकता लाने की. आतंकवाद काे हथियार के बल पर खत्म नहीं किया जा सकता. इसका एक सहज रास्ता यही है.
जब पनाह ही नहीं मिलेगा, ताे किसके बल पर आतंकवाद की फसल उगायेंगे. उन्हाेंने बताया कि यह टीम हर दिन करीब पांच साै किलाेमीटर की माेटरसाइकिल यात्रा कर रही है. 16 अक्तूबर को मानेसर पहुंचकर यह यात्रा समाप्त हाे जायेगी. साेमवार काे आेटीए से यह टीम वाराणसी के लिए रवाना हाे जायेगी.
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