11 हजार घरों में नहीं जले दीपावली के दीप

शराबबंदी के मुद्दे पर महिलाओं का धरना 12वें दिन भी रहा जारी गांधी मैदान में हो रहा सत्याग्रह आंदोलन दो बार सिटी एसपी से हो चुकी है वार्ता इमामगंज : क्षेत्र में शराबबंदी को ईमानदारी से लागू किये जाने व महिलाओं के विरुद्ध दर्ज किये गये झूठे मुकदमे वापस लिये जाने की मांग को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2017 5:00 AM

शराबबंदी के मुद्दे पर महिलाओं का धरना 12वें दिन भी रहा जारी

गांधी मैदान में हो रहा सत्याग्रह आंदोलन
दो बार सिटी एसपी से हो चुकी है वार्ता
इमामगंज : क्षेत्र में शराबबंदी को ईमानदारी से लागू किये जाने व महिलाओं के विरुद्ध दर्ज किये गये झूठे मुकदमे वापस लिये जाने की मांग को लेकर सत्याग्रह धरना आयोजन समिति के बैनर तले 12 वें दिन भी महिलाओं का धरना जारी रहा. समिति की प्रवक्ता स्मिता कुमारी का कहना है कि शराबबंदी के विरोध में संघर्षरत 11 हजार महिलाओं ने अपने घर में दीपावली के मौके पर दीपक नहीं जलाया. समिति से जुड़ी महिलाएं सात मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं.
वे इमामगंज थाना के ठीक सामने गांधी मैदान में प्रतिदिन धरने पर बैठ रहीं है. प्रत्येक दिन महिलाओं का अलग-अलग ग्रुप होता है. करीब 100 की संख्या में हर दिन महिलाएं धरने पर बैठती हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में शराबबंदी को ईमानदारी से लागू किया जाये. साथ ही, शराब के विरोध में आंदोलन करनेवाली महिलाओं के विरुद्ध दर्ज कराये गये दो मुकदमों को वापस लिया जाये.
इसके अलावा चौकीदार व थाने के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गयी है. संबंधित मामले में अब तक एसएसपी के दिशानिर्देश पर सिटी एसपी जे रेड्डी ने धरने पर बैठी महिलाओं से बातचीत की है. बातचीत में आनेवाले तथ्यों के आधार पर पुलिस द्वारा जांच की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट एसएसपी को कुछ ही दिनों में पेश कर दी जायेगी.
दोषी लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई : एसएसपी
एसएसपी गरिमा मलिक का कहना है कि आंदोलनकारियों से दो बार सिटी एसपी ने वार्ता की है. आंदोलन करनेवाली महिलाओं की मांग है कि 2013 व 2015 में जो उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज है, उसे वापस लिया जाये और दोषी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जाये. संबंधित मामले में पुलिस द्वारा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है. पुराने मामले में लंबे समय पूर्व चार्जशीट हो चुका है, जिसमें थानाध्यक्ष को चोटिल करने की बात भी सामने आयी है. इसके अलावा संबंधित मामले की जांच भी ट्रू पायी गयी है. ऐसे में उसे वापस लिया जाना विधिसम्मत नहीं है. रही बात महिलाओं द्वारा लगाये जा रहे अन्य आरोपों की, तो उसमें जांच चल रही है और सख्त विभागीय कार्रवाई तय है.

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