हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे लोग
फतेहपुर : प्रखंड के इचा गांव में गुरीसर्व निवासी 15 वर्षीय श्रवण कुमार की हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. रविवार को गुरीसर्व गांव के लोग श्रवण को न्याय दिलाने लिखे तख्ती के साथ पैदल मार्च निकाल कर फतेहपुर हनुमान मंदिर के […]
फतेहपुर : प्रखंड के इचा गांव में गुरीसर्व निवासी 15 वर्षीय श्रवण कुमार की हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. रविवार को गुरीसर्व गांव के लोग श्रवण को न्याय दिलाने लिखे तख्ती के साथ पैदल मार्च निकाल कर फतेहपुर हनुमान मंदिर के पास पहुंचे और गया-रजौली मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान सड़क पर टायर जला कर स्थानीय पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
जाम कर रहे लोग पुलिस के वरीय पदाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे. घटना की जानकारी मिलते ही फतेहपुर थाना प्रभारी लालमणि दुबे मौके पर पंहुचे. उनको कुछ महिलाओं के गुस्से का कोपभजन बनना पड़ा. लोगों का कहना था कि स्थानीय पुलिस ने इस ममाले में शिथिलता बरती है, जिसके कारण हत्या के कई आरोपित भाग गये. गुस्साये लोग वजीरगंज डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे. घटना की जानकारी मिलते ही मानुपर सर्किल इंस्पेक्टर सुजीत कुमार मौके पर पहुंच कर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. साथ ही जाम कर रहे लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया. जाम के कारण करीब तीन घंटे तक यातायात बाधित रहा.
डीएसपी ने की श्रवण के परिजनों से बात
डीएसपी ने फतेहपुर थाना पहुंच कर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनकी बातों को सुना. डीएसपी से परिजनों व गुरीसर्वे के कुछ ग्रामीणों ने हत्या में कई और लोगों के शामिल होने की बात कही. डीएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त कराया कि पुलिस द्वारा हत्या के सभी आरोपित को जल्द ही पकड़ लिया जायेगा. साथ ही हत्या में जो भी लोग शामिल होंगे उनको बख्शा नहीं जायेगा. डीएसपी ने बताया कि हत्या के सूचना मिलते ही फतेहपुर थानाप्रभारी को शुक्रवार की रात में ही मौके पर भेजा गया था. शनिवार को भी पुलिस ने इंचा गांव पहुंच कर शव ढूंढ़ने का काम किया. वहीं, हत्या के एक आरोपित अनिल यादव को गिरफ्तार गया किया. अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
नियमों के पेच में फंसा मुआवजा
श्रवण की हत्या के बाद उसके घर में पुरुष सदस्य नहीं बचे. तीन साल पहले उसके पिता विनोद साव गांव से ही गायब हो गये थे. जिनका आज तक पता नहीं चल सका है. पति गायब होने से श्रवण कि मां विक्षिप्त हो गयी. जिसका रांची से इलाज चल रहा है. 70 वर्षीय दादी ही श्रवण व उसकी दो बहनों की परवरिश के लिए गांव में ही सब्जी बेचने का काम करती है. जिसमें श्रवण थोड़ी बहुत मदद करता था. श्रवण की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है. जाम के दौरान लोग उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे. लेकिन, सरकारी पेच के कारण अभी तक पारिवारिक लाभ व कबीर अंत्येष्टि की राशि नहीं मिल सकी है. इस परिवार की बीपीएल में रहने के बाद भी पेंशन राशि नहीं बनी है. डीएसपी से पीड़ित परिवार ने मुआवजे की बात की है. गौरतलब है कि शुक्रवार की रात श्रवण की हत्या कर उसके शव को कुएं में फेंक दिया गया था. कुछ लोगों का कहना था कि अगर श्रवण की मौत कुआं में डूब कर होती तो उसके परिजनों को आपदा विभाग के तरफ से चार लाख की राशि मिलती, पर हत्या होने के कारण इस परिवार को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है.