विश्वास बहाली में जुटा प्रशासन

* अमवां गांव में व्याप्त तनाव को खत्म करने के लिए हुई बैठक* विधायक, सदर एसडीओ, इंस्पेक्टर सीओ, इओ, थानाध्यक्ष, वार्ड पार्षद व ग्रामीणों ने की शांति की पहल* बनायी गयी कमेटीबोधगया : होली की पूर्व संध्या पर अमवां गांव में हुए दोहरे हत्याकांड के बाद अब तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है. यहां रहनेवाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:31 PM

* अमवां गांव में व्याप्त तनाव को खत्म करने के लिए हुई बैठक
* विधायक, सदर एसडीओ, इंस्पेक्टर सीओ, इओ, थानाध्यक्ष, वार्ड पार्षद व ग्रामीणों ने की शांति की पहल
* बनायी गयी कमेटी
बोधगया : होली की पूर्व संध्या पर अमवां गांव में हुए दोहरे हत्याकांड के बाद अब तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है. यहां रहनेवाले भुईयां जाती के अधिकतर लोग गांव से बाहर ही रह रहे हैं. बीच-बीच में आगजनी की घटनाएं भी हो रही हैं.

इस मामले में कई लोग जेल भी जा चुके हैं व कई फरार हैं. इस कारण वहां पर भय का माहौल है. सभी एक-दूसरे को शक की नजर से देख रहे हैं. गौरतलब हो कि अगजा की रात गांव के ही सीताराम यादव की हत्या कर दी गयी थी.

इसके बाद मामले को नियंत्रित करने गयी पुलिस (होमगार्ड) के एक जवान की भी हत्या कर हथियार लूट लिया गया था. तब से वहां तनाव व भय का माहौल बना हुआ है. प्रशासन द्वारा अमवां में स्थिति को सामान्य बनाने का हर संभव प्रयास किया गया है, लेकिन स्थिति पटरी पर नहीं लौटी.

* प्रशासन ने की शांति की पहल
अमवां में खासकर, भुईयां जाति के लोगों के पलायन व व्याप्त भय को समाप्त करने के लिए शनिवार को बाराचट्टी की विधायक ज्योति मांझी, सदर एसडीओ मोहम्मद मकसूद आलम, सीओ जनार्दन प्रसाद, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी एसके मिश्र, इंस्पेक्टर सूर्यदेव कुमार, थानाध्यक्ष टीएन तिवारी, वार्ड पार्षद अरविंद कुमार सिंह, रीता कुमारी सहित सभी जातियों के करीब एक सौ लोगों की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता विधायक ने की.

मारे गये सीताराम यादव की पत्नी व भाई तथा भुईयां समाज के लोगों से घटना के बारे में जानकारी व वर्तमान स्थिति पर उनकी राय ली गयी. महिलाओं से भी वस्तुस्थिति की जानकारी ली गयी. इस दौरान दो बातें सामने आयीं. पहली यह कि मजदूरों के पलायन से किसानों का काम बाधित है.

दूसरा यह कि गांव में रह रहीं भुईयां जाति की महिलाओं व बच्चों के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है. दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे को पूरक के रूप में प्रस्तुत करते हुए शांति बहाल करने पर बल दिया. हालांकि, उक्त घटना को वार्ड के चुनाव से प्रभावित बताने का भी प्रयास किया गया. इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया.

सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया गया कि उक्त घटना से पीड़ित लोगों द्वारा ही गांव के सम्मानित लोगों की एक कमेटी बनाते हुए शांति बहाल करने का प्रयास किया जाय. सर्वसम्मति से एक कमेटी बनी और उसके सदस्यों ने लिखित रूप से नियम व शर्तो को गांव में लागू करने व कराने का संकल्प लिया. कई लोगों ने कहा कि यह पहल और पहले होनी चाहिए थी.

अगलगी से पीड़ित लोगों को मुआवजा दिलाने, निर्दोष लोगों के नाम मामले से नाम काटने व गांव में पुलिस की पैट्रोलिंग बढ़ाने की मांग भी की गयी. विधायक ज्योति मांझी ने इस घटना को बोधगया के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि आपकी समस्या का निदान आपसे बेहतर दूसरा कोई और नहीं कर सकता.उन्होंने आपसी प्रेम व भाईचारे को कायम रखने व चैन से जीवन यापन करने का आग्रह गांव के लोगों से किया.

Next Article

Exit mobile version