गया : भूमिहार एकता मंच के बैनर तले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार के नेतृत्व में पूरे बिहार में राज्य सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी है. इसे लेकर संगठन ने गत पांच नवंबर को सभी जिलों में नीतीश कुमार पुतला फूंका है. आशुतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि ठेके पर होने वाली नियुक्तियों में अारक्षण के प्रावधान को लागू करने के कदम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति भी प्रभावित हुआ है अौर वह प्रतिक्रियावादी है, यह एक प्रकार से निजी क्षेत्र में अारक्षण का अागाज है.
उन्होंनेकहा कि क्या पाप किया है हमलोगों ने कि सरकार हमें पांच-दस हजार का भी रोजी-रोजगार हमसे छीन लेना चाहती है. जिस दिन अाम समाज जो उद्वेलित होकर भी अपनी अावाज सरकार द्वारा न सुने जाने से झुंझलाहट में है, वह निश्चित रूप से सड़कों पर उतरेगा, अाम लोगों के सामने कोई विकल्प नहीं छोड़ा गया है अौर अगर विरोध नहीं किया गया तो सरकार की मंशा यहां तक रुकने की कतई नहीं है. इसलिए समाज के तमाम बुद्धजीवियों व अाम जनमानस से खुल के भूमिहार अारक्षण के मुद्दे के समर्थन में अाने की अपील करते हैं. आशुतोष कुमार ने कहा कि मंच हरेक उस कदम का कड़ा प्रतिरोध करेगा जिससे हमें अपने अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मंच अपना तेजी से विस्तार करने में सफल रहा है. हमारी टीम शहर से लेकर प्रखंडों अौर ग्राम पंचायतों तक संगठन विस्तार पर काम कर रही है. राजधानी पटना से मंच ने शंखनाद करते हुए अपनी प्रतिबद्धता को अागे रखा था. जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से वरिष्ठ लोगों ने शिरकत की थी, सभी ने इस बारे में एकजुटता प्रदर्शित किया था अौर अाज हमें समाज के हरेक तबके का अाशीर्वाद मिल रहा है. मंच को मिल रहे अप्रत्याशित समर्थन को देखते हुये कार्यकारिणी ने यह निर्णय लिया है कि अागामी फरवरी माह में अायोजित होने वाले अब तक के सबसे बडे भूमिहार-महासम्मेलन का स्थल श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल से बदलकर पटना का गांधी-मैदान कर दिया जाये. यह सम्मेलन सामाजिक एकजुटता अौर सामाजिक प्रतिबद्धता को प्रामाणिक रूप देने का काम करेगा.
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