पैसों की महत्वाकांक्षा फंसाती है जुए में
बिना मेहनत कम समय में अधिक कमाने के लालच से तबाही को न्योता गया : कम समय में अधिक रुपये कमाने की महत्वाकांक्षा के कारण ही कोई व्यक्ति जुए के धंधे में घुस जाता है और इस खेल के भंवर में फंसता चला जाता है, जिसे बाहर निकालना काफी कठिन हो जाता है. जुआ खेलने […]
बिना मेहनत कम समय में अधिक कमाने के लालच से तबाही को न्योता
गया : कम समय में अधिक रुपये कमाने की महत्वाकांक्षा के कारण ही कोई व्यक्ति जुए के धंधे में घुस जाता है और इस खेल के भंवर में फंसता चला जाता है, जिसे बाहर निकालना काफी कठिन हो जाता है.
जुआ खेलने का आदि हो चुका इंसान धीरे धीरे स्वयं पर नियंत्रण खोने लगता है. उनका ध्यान सिर्फ जुआ की ओर रहता है. यही कारण होता है कि वह अन्य जिम्मेदारियों से स्वयं को अलग कर लेता है. कुछ लोग जानते हैं कि जुआ खेलना गलत, लेकिन वह इस लत को छोड़ना नहीं चाहते. मनौवैज्ञानिकों की मानें, तो जुआ खेलने का आदि हो चुका इनसान अपनी कई चीजों को गंवा चुका होता है. इससे परेशान और खोयी संपत्ति को वापस पाने की चाह में वह हर बार जुए में अपनी किस्मत आजमाता है.
जुआ में पैसे व संपत्ति बरबाद होने से परिवार में मन मुटाव शुरू हो जाता है. परिवार का अभिभावक या कोई भी जिम्मेदार सदस्य जुआ खेलने का आदि है, तो इसका सीधा असर घर के बच्चों पर पड़ता है. उनके व्यवहार में काफी बदलाव आ जाता है. अभिभावक के लापरवाह रवैये के कारण बच्चे पर जिम्मेदारी आ जाती है. इससे वह मानसिक रूप से भी तनाव में होता है. कुछ बच्चे घर के उस व्यक्ति से प्रभावित होकर जुआ भी खेलने लगते हैं.