रामकथा सिर्फ सुनते ही नहीं, लिखते भी हैं

बोधगया: तथागत की ज्ञान स्थली पर आयोजित रामकथा के दौरान कई ऐसे श्रोता भी हैं, जो सिर्फ रामकथा को सुनने से ही संतुष्ट नहीं होते. वह संत श्री मोरारी बापू द्वारा कहे जा रहे प्रवचन को कलमबद्ध भी करते हैं. असीम शांति का वातावरण और बापू के प्रवचन के बीच कई स्थानों पर भीड़ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2014 8:53 AM

बोधगया: तथागत की ज्ञान स्थली पर आयोजित रामकथा के दौरान कई ऐसे श्रोता भी हैं, जो सिर्फ रामकथा को सुनने से ही संतुष्ट नहीं होते. वह संत श्री मोरारी बापू द्वारा कहे जा रहे प्रवचन को कलमबद्ध भी करते हैं.

असीम शांति का वातावरण और बापू के प्रवचन के बीच कई स्थानों पर भीड़ में कक्षा जैसा अनुशासित नजारा देखने को मिल रहा है. रामकथा को कलमबद्ध करने वाले कुछ श्रोताओं ने बताया कि वह यहां से वापस घर लौटने के बाद बापू के प्रवचन को पढ़ेंगे. उसका अनुकरण करेंगे.

यह भी कि जब वे प्रवचन को पढ़ रहें होंगे तब उन्हें बोधगया के कालचक्र मैदान में बापू द्वारा कहे प्रवचन व बापू का चेहरा याद आयेगा. श्रद्धा के साथ ज्ञान के समंदर में डुबकी लगा रहे कई श्रद्धालुओं ने कहा कि वह जहां भी बापू के प्रवचन सुनते हैं उसे नोट करते हैं. महाराष्ट्र के सुरेश रामोभाऊ कल्याणकर ने बताया कि बापू के प्रवचन को लिख कर रखते हैं. घर के अन्य सदस्यों के साथ परिचितों को भी पढ़ाते हैं. इससे अच्छे गुणों का प्रसार होता है. प्रवचन को कलमबद्ध करने में कई महिलाएं भी तल्लीन दिखी.

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