गया : ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा किबिहार सरकार किसानों की आर्थिक स्थित सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए खेतीबाड़ी में उपयोग आने वाले उपकरण मुहैया कराने के साथ पैदावार की बिक्री के लिए भी समुचित व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कृषि क्षेत्र में युवाओं के घटते रुझान पर चिंता जताते हुए सबसे सरकार की योजनाओं का फायदा उठाने की अपील की. वह बुधवार को गया के मोहड़ा प्रखंड अंतर्गत तपोवन में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह में भाग लेने आये थे.
ग्रामीण विकास मंत्री ने सबसे पहले स्वामी सहजानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके द्वारा किये गये कार्यों काे जन-जन तक पहुंचाने की अपील की. उन्होंने कहा कि स्वामी जी के बताये मार्गों पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि हाेगी. सरकार तो आती-जाती रहती है, लेकिन किसी के द्वारा करवाये गये काम को लोग याद रखते हैं. मंत्री ने कहा कि यहां डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनना चाहता है. कलक्टर का बेटा कलक्टर बनना चाहता है, लेकिन किसान का बेटा किसान क्यों नहीं बनना चाहता है. यह चिंतन करने की जरूरत है. किसानी घाटे में जा रहा था. वर्तमान सरकार सबसे पहले किसानों पर ही नजर रख रही है. कि
श्रवण कुमारनेकहाकि किसानाें के लाभ के लिए कई मेलों के आयोजन के साथ कई तरह के नये उपकरण मुहैया कराये गये. किसानों पर जब-जब संकट आया है, तब-तब सरकार ने मदद की है. किसानों के लाभ के लिए पैक्स गोदाम उपलब्ध कराया गया. पैक्स अध्यक्ष से लाभ नहीं मिल रहा, तो चुनाव के समय अच्छा पैक्स अध्यक्ष का चुनाव करना भी आपका दायित्व है. इससे पहले स्वामी जी के चित्र पर सैकड़ों लोगाें ने माल्यार्पण कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में पूर्व विधायक कृष्णनंदन प्रसाद यादव, अजीत सिंह, रमेश सिंह, आनंदी सिंह, उमेश प्रसाद, अतरी प्रमुख नवल किशोर सिंह, बथानी प्रमुख मनोज कुमार, रवींद्र सिंह, नौलेश सिंह, गुड्डू कुमार, कृष्णा यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.
2020 के पहले हर गांव होगा स्मार्ट
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 के पहले हर गांवों को स्मार्ट बना दिया जायेगा. गांवों में शौचालय, नल, जल, गली व शिक्षा की उत्तम व्यवस्था करा दी जायेगी. इस काम लोग भी सरकार का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य में शिक्षा के आंकड़े की जो स्थिति थी अब उसमें बहुत सुधार आया है. पहले गरीबी के कारण बच्चे इंटर के बाद की पढ़ाई नहीं करते थे. यह स्तर मात्र 13.9% था, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार ने विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए चार लाख रुपये तक का लोन क्रेडिट कार्ड के जरिये देने की व्यवस्था करायी. ऋण चुकता करने के काम पर बल नहीं देने का आदेश बैंकाें काे दिया गया है. बिहार सरकार ने शिक्षा व सिंचाई संकट काे दूर करने का संकल्प लिया है. यह बहुत जल्द पूरा कर दिया जायेगा.
ये भी पढ़ें… बिहारमें शुरू हो रहा शिव सर्किट प्रोजेक्ट, कोटेश्वरनाथ के लिए 3.19 करोड़ मंजूर