भूटान की राजमाता पहुंचीं बोधगया, महाबोधि मंदिर में लगाया ध्यान
बोधगया : भूटान की राजमाता आशी शेरिंग यांगदोन वांगचुक ने बुधवार की सुबह महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की व बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाया. मंदिर पहुंचने पर उनका स्वागत बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे व मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा ने खादा भेंट कर किया. भूटान की राजमाता ने मंदिर के गर्भ गृह में पूजा करने […]
बोधगया : भूटान की राजमाता आशी शेरिंग यांगदोन वांगचुक ने बुधवार की सुबह महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की व बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाया. मंदिर पहुंचने पर उनका स्वागत बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे व मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा ने खादा भेंट कर किया. भूटान की राजमाता ने मंदिर के गर्भ गृह में पूजा करने के बाद बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाया व थोड़ी देर तक साधना की. इसके बाद मुचलिंद सरोवर में मछलियों को दाना खिलाया और साधना उद्यान स्थित शांति घंट को बजाया. उन्होंने शांति घंट की बनावट व उसे कहां से मंगाया गया है, इसकी भी जानकारी प्राप्त की. शांति घंट की उन्होंने काफी तारीफ भी की.
मंदिर परिसर में करीब एक घंटे तक समय गुजारने के बाद साढ़े 10 बजे बाहर निकलीं और प्रवास स्थल रॉयल भूटान मोनास्टरी चली गयीं. मंगलवार को बोधगया पहुंची भूटान की राजमाता के साथ परिवार के सदस्यों सहित 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बोधगया पहुंचा है. राजगीर, नालंदा व सारनाथ का भ्रमण करने के बाद वह 28 फरवरी को भूटान एयरलाइंस से पारो (भूटान) के लिए उड़ान भरेंगी. बीटीएमसी की ओर से सचिव ने उन्हें मेमेंटो व टेबुल कैलेंडर भेंट किया.