गया : बोधगया में पिछली 19 जनवरी को महाबोधि मंदिर क्षेत्र में बमों की बरामदगी के बाद मंदिर क्षेत्र को सुरक्षित रखने को लेकर प्रशासन द्वारा लागू नयी ट्राफिक सिस्टम के खिलाफ शुक्रवार को बोधगया को बंद रखा गया. बोधगया के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और फुटपाथ पर भी सनाट्टा पसरा रहा. यहां तक कि लोग चाय-पानी को भी तरस गये. बोधगया भ्रमण पर आये देशी-विदेशी श्रद्धालुओं को इस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. महाबोधि मंदिर परिसर में भी लोगों की संख्या कम रही. बोधगया बंदी को लेकर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह और एसएसपी गरिमा मलिक ने बोधगया में फ्लैग मार्च किया. बोधगया को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया.
इस मौके पर जिलाधिकारी ने लोगों से बंद को वापस लेने की अपील की और बोधगया की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रैफिक सिस्टम में क्या बदलाव किया जा सकता है, सुझाव भी मांगा. हालांकि, डीएम और एसएसपी ने गुरुवार को भी स्थानीय विधायक, वार्ड पार्षदों व विभिन्न एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से वार्ता कर बंद नहीं करने की अपील की थी. लेकिन, गुरुवार की शाम को लोगों ने यहां मशाल जुलूस निकाला था और प्रशासन ने 22 नामजद व 150 अज्ञात पर मुकदमा कर दिया था. अब बोधगया के सभी प्रतिष्ठानों के बंद होने से मुख्य रूप से विदेशी श्रद्धालुओं को परेशानी हुई. प्रशासनिक स्तर पर मंदिर क्षेत्र तक पहुंचने के लिए तीन बसों को लगाया गया है. लोगों ने दर्ज मुकदमा हटाने और मंदिर क्षेत्र तक चार पहिया वाहनों के इंट्री की मांग करना शुरू कर दिया है.