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फरार पांच में एक बाल बंदी मिला, डीएम को सौंपी रिपोर्ट

पर्यवेक्षण गृह का अधिकारियों ने लिया जायजा गया : सीआरपीएफ कैंप के पास स्थित बाल सुधार गृह(पर्यवेक्षण गृह) से तीन मार्च की सुबह फरार पांच बाल बंदियों में से एक बाल बंदी रविवार को बरामद कर लिया गया है. उसकी बरामदगी परिवार वालों द्वारा संबंधित अधिकारियों को दी गयी सूचना के बाद दुख:हरणी मंदिर के […]

पर्यवेक्षण गृह का अधिकारियों ने लिया जायजा

गया : सीआरपीएफ कैंप के पास स्थित बाल सुधार गृह(पर्यवेक्षण गृह) से तीन मार्च की सुबह फरार पांच बाल बंदियों में से एक बाल बंदी रविवार को बरामद कर लिया गया है. उसकी बरामदगी परिवार वालों द्वारा संबंधित अधिकारियों को दी गयी सूचना के बाद दुख:हरणी मंदिर के पास से किया गया है. यह जानकारी जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक नेहा नूपुर ने पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में दी है. इस मौके पर उन्होंने माना कि लचर सुरक्षा व्यवस्था के कारण इस तरह की चूक हुई है.
सहायक निदेशक ने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी पाएं जायेंगे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि चार तारीख को रामपुर थाने में सूचना दी गयी थी, लेकिन सनहा दर्ज नहीं हो सका था. चार अन्य बाल कैदियों की बरामदगी की कोशिश जारी है.
पर्यवेक्षण गृह का लिया जायजा : सोमवार को सहायक निदेशक नेहा नूपुर, किशोर न्याय परिषद की सदस्य सुनीता कश्यप व बाल संरक्षण अधिकारी मेराज ने पर्यवेक्षण गृह का जायजा लिया. पर्यवेक्षण गृह के सूत्रों की मानें तो इस दौरान सुरक्षा कर्मियों समेत अधीक्षक की फटकार लगायी गयी. स्पष्ट तौर पर हिदायत दी गयी कि आगे से इस तरह की घटना न होने पाएं. इस मामले की पूरी रिपोर्ट डीएम अभिषेक सिंह को सौंप दी गयी है.
क्या है मामला : गौरतलब है कि तीन मार्च की सुबह पांच बाल कैदी फिल्मी स्टाइल में यहां से फरार हो गये थे. मेन गेट पर तैनात गार्ड जो दिन व रात की ड्यूटी से थका हारा आराम कर रहा था. इसी बीच पहले तीन की संख्या में बाल बंदी उसकी पॉकेट से चाबी निकाल मेन गेट खोल निकल भागे इसके बाद दो अन्य बाल बंदी भी भाग गये.
बगैर पंजीयन के चल रहे बाल गृह
जिले में बिना पंजीयन के बाल गृह चल रहे हैं. जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग कार्यालय ने सभी थानों से ऐसे गृह के बारे में सूचना मांगी थी लेकिन अब तक किसी थाना पुलिस की ओर से कोषांग को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस मामले में सभी थानों को एक सप्ताह की माेहलत दी गयी थी.
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग से जुड़े अधिकारियों कहना है कि अब तक किसी भी थाने से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है. जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक नेहा नूपुर ने बताया कि बगैर पंजीयन के चल रहे बाल गृह के बाबत सूचना कोई भी कार्यालय में आकर लिखित में दे सकता है. ताकि ऐसी संस्थानों के बारे में जांच पड़ताल हो सके.

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