गया : 23 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की जिला इकाई के सदस्यों ने सोमवार को महासंघ कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन व आमसभा किया. संघ की महामंत्री कुमारी शोभा सिन्हा ने कहा कि संघ से जुड़ी मांगों को लेकर 27 फरवरी से पांच मार्च तक काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया गया. इस आंदोलन को और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन करने की तैयारी चल रही है. इसके लिए संघ की राज्य कार्यकारिणी तैयारी में जुटी है.
उन्होंने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं की सेवा नियमित की जाए. सेवा नियमित होने तक आंगनबाड़ी सेविका को 17 हजार व सहायिका को 12 हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाए. निजीकरण पर रोक लगायी जाए. योग्य सेविकाओं की नियुक्ति महिला पर्यवेक्षकों के रूप में की जाए. जांच के नाम पर सेविकाओं व सहायिकाओं से जबरन वसूली पर रोक लगायी जाए. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के किराये का समय से भुगतान हो व भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाया जाये. बाल विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार पर अविलंब रोक लगायी जाये.
सेविकाओं व सहायिकाओं को बीमा प्रमाण पत्र दिया जाये. सेविकाओं व सहायिकाओं के पोशाक वितरण में हुई धांधली पर रोक लगायी जाये. ऑडिट के नाम पर सेविकाओं से की जा रही अवैध वसूली पर रोक लगायी जाये. सबला योजना को लागू किया जाये. बिना भौतिक सत्यापन के पोषाहार से संबंधित रुपये की वसूली पर रोक लगायी जाये व काटे गये रुपयों को वापस किया जाये. सेविकाओं से अतिरिक्त कार्य लेने के बदले अतिरिक्त रुपयों का भुगतान किया जाये. आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा वितरण की जगह मूंगफली व सोयाबीन का वितरण कराया जाये. इस सभा में संघ से जुड़ी अनीता राय, प्रेमलता, प्रभा कुमारी, गुड़िया कुमारी, सुनीता कुमारी, प्रमिला देवी, मीना कुमारी सहित अन्य वक्ताओं ने संघ से जुड़ी मांगों को लेकर अपने-अपने विचार रखे.