बेटी की विदाई का गीत सुन श्राेताओं की आंखें हुईं नम

अतरी : महाचक गांव में वासंतीय नवरात्रोत्सव के अवसर पर छठे दिन शुक्रवार की शाम प्रवचन करते हुए शांतनु जी महाराज ने विदाई वेला की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं की आंखों को सजल कर दिया. कहते हैं कि जब पिता अपनी पुत्री की विवाह के बाद विदाई करता है तो छुप-छुप के रोता है. ठीक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 2:08 AM

अतरी : महाचक गांव में वासंतीय नवरात्रोत्सव के अवसर पर छठे दिन शुक्रवार की शाम प्रवचन करते हुए शांतनु जी महाराज ने विदाई वेला की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं की आंखों को सजल कर दिया. कहते हैं कि जब पिता अपनी पुत्री की विवाह के बाद विदाई करता है तो छुप-छुप के रोता है. ठीक ऐसी ही दशा राजा जनक की हो जाती है, वह चीख कर रोते हैं, जबकि राजा जनक ब्रह्मज्ञानी हैं उनसे बड़े-बड़े ऋषि, देवी-देवता समस्याओं का समाधान कराते हैं और वह मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं. माताएं तो धैर्य धारण करने वाली होती हैं, क्योंकि वे एक बार स्वयं विदा होकर ससुराल आती हैं. माताएं धैर्य दिलाती हैं साथ ही आशीर्वाद देती हैं.

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